"भटक रहे युवा हो उस पर ध्यान" व्यंग्यात्मक-कविता : कृष्णेन्द्र राय
BY Anonymous15 Sep 2018 11:29 AM GMT
X
Anonymous15 Sep 2018 11:29 AM GMT
भटक रहे युवा ।
हो उसपर ध्यान ।।
सही राह दिखाओ ।
ना बनो अनजान ।।
केवल झंडा-बैनर ।
ना है उपलब्धि ।।
इनका क्रीम पीरियड ।
बस कुछ अवधि ।।
दिशा सकारात्मक ।
आपका है काम ।।
नव युवा निर्माण ।
सलाम में आवाम ।।
व्यंग्यात्मक लेखक : कृष्णेन्द्र राय
Next Story