Janta Ki Awaz
व्यंग ही व्यंग

बेचारे काँग्रेस के सत्तर-अस्सी सपोर्टर, जो आश्चर्यजनक रूप से बचे हुए हैं

बेचारे काँग्रेस के सत्तर-अस्सी सपोर्टर, जो आश्चर्यजनक रूप से बचे हुए हैं
X
मुझे आश्चर्य है कि राम रहीम के कारनामों पर कोर्ट की मुहर लगने के बाद फ़ेसबुक पर कुछ लोग काँग्रेस और भाजपा में 'अंतर' तय करते दिख रहे हैं। लगातार टाइमलाइन पर फोटो डाल रहे हैं जिसमें भाजपा नेता और राम रहीम की तस्वीरें हैं।

चूँकि तस्वीर में, जो इन्होंने नासा के रिसर्च लैब से मँगवाई है, भाजपा के नेता हैं, तो वो सारे भी राम रहीम के पापों के भागी हैं। तस्वीरें डालकर क्या दिखाना चाह रहे हैं कि लोगों को पता नहीं है कि 2007 में डेरा किसके साथ था? या लोगों को ये पता नहीं है कि उसने 2014 से भाजपा को वोट करने की अपील की थी?

या लोगों को ये पता नहीं है कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उसका 'आशीर्वाद' माँगा था? कुतर्की लोग जो मज़ा लेने में व्यस्त हैं वो बेचारे काँग्रेस को डिफ़ेंड कर रहे हैं कि काँग्रेस ने तो इतना खुल्ला सपोर्ट नहीं लिया था, भाजपा तो नंगई कर रही थी।

सही बात है। काँग्रेस तो कुछ भी खुल्ला करने की आदी कभी रही नहीं। काँग्रेस वाले तो अपनी बेटी की शादी डेरा के उत्तराधिकारी से तय कर देते हैं! बाद में वो भी, कई काँग्रेसियों की तरह, भाजपा में आ जाए तो बेचारे काँग्रेस के सत्तर-अस्सी सपोर्टर, जो आश्चर्यजनक रूप से बचे हुए हैं, फिर से भाजपा को गरियाने लगेंगे!

काँग्रेस ने कहाँ किसी बाबा की शरण ली! इंदिरा गाँधी ने किसी बाबा के चरण कहाँ पखारे, उन्होंने तो सीधा इमर्जेंसी लाकर लोगों का जीवन आसान कर दिया था। राजीव गाँधी की किसी बाबा के साथ तस्वीर नहीं है, ये बात और है कि वो ऐसी अकेली पार्टी के मुखिया थे जिसने एक धार्मिक समुदाय के लोगों को अपने पार्टी वालों से क़ानूनी संरक्षण के साथ कटवा दिया। सोनिया कभी किसी बुख़ारी से या और बाबा से मिलने कब जाती है, इसका बिलकुल पता हमारे फोटो चिपकाने वाले काँग्रेसी भाइयों को नहीं होता। क्योंकि काँग्रेस तो 'खुल्ले' में नहीं करती ना!

मनमोहन सिंह भी कहाँ किसी बाबा के पास गए थे, बस कुछ लाख करोड़ के घोटाले ही तो किये। इससे देश को नुक़सान कहाँ हुआ, इतना तो उनका हक़ बनता है हमारे द्वारा चुने जाने के लिए। ज़ाकिर नायक याद है? काँग्रेस के कितने नेताओं की तस्वीर नासा से मँगवा दूँ?

है कि नहीं ज्ञान के प्रकाशस्तम्भों? ये मेरी तार्किकता से परे है कि कोई कैसे आज के दौर में काँग्रेस को डिफ़ेंड कर लेता है ये कहकर कि वो तो पर्दे में नंगा होते थे, भाजपा तो सड़क पर हो रही है। यही शब्दों के हेरफेर से तो ज़ीरो लॉस थ्योरी, एस्केप वेलोसिटी, हम सौ करोड़ का घोटाला थोड़े करेंगे जैसा ज्ञान निकल कर आता है!

आपलोगों को शर्म नहीं आती कि आप किसी बाबा के पकड़े जाने पर काँग्रेस को बेहतर ठहरा रहे हो! हथेली पर थूक लो, और थूको, और... जब चुल्लू भर हो जाए तो डूबकर मर जाओ।


अजीत भारती
Next Story
Share it