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पीएम मोदी को 'डिवाइडर इन चीफ' बताने वाले लेखक आतिश तासीर का OCI कार्ड रद्द

पीएम मोदी को डिवाइडर इन चीफ बताने वाले लेखक आतिश तासीर का OCI कार्ड रद्द
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भारत ने लेखक और लेखक आतिश अली तासीर का ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड रद्द कर दिया है। ब्रिटेन में जन्मे पाकिस्तानी मूल के लेखक आतिश अली तासीर ने लोकसभा चुनाव से पहले टाइम मैगजीन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'डिवाइडर इन चीफ' कहा था।

बताया जा रहा है कि उन्होंने कथित तौर पर यह तथ्य छुपाया कि उनके पिता पाकिस्तानी मूल के थे। बता दें कि आतिश तासीर के पिता सलमान तासीर पाकिस्तान के पंजाब सूबे के गवर्नर थे जिनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि नागरिकता अधिनियम 1955 के अनुसार, तासीर ओसीआई कार्ड के लिए अयोग्य हो गए हैं क्योंकि ओसीआई कार्ड किसी ऐसे व्यक्ति को जारी नहीं किया जाता है जिसके माता-पिता या दादा-दादी पाकिस्तानी हों।

गृह मंत्रालय ने बताया कि 38 साल के तासीर ने स्पष्ट रूप से बहुत बुनियादी जरूरतों को पूरा नहीं किया और जानकारी को छुपाया है। कानून के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति ने धोखे से फर्जीवाड़ा कर या तथ्य छुपा कर ओसीआई कार्ड हासिल किया है तो कार्ड धारक का पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा और उसे काली सूची में डाल दिया जाएगा। भविष्य में उसके भारत में प्रवेश करने पर भी रोक लगा दी जाएगी।

प्रवक्ता ने इस बात से भी इनकार किया कि सरकार टाइम पत्रिका में आलेख लिखने के बाद से तासीर के ओसीआई कार्ड को रद्द करने पर विचार कर रही थी। इस आलेख में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की गई थी।


गृह मंत्रालय द्वारा अपना ओसीआई कार्ड रद्द किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए आतिश तासीर ने ट्वीट कर कहा कि उन्हें जवाब देने के लिए 21 दिन नहीं, बल्कि 24 घंटे दिए गए थे।


कौन हैं आतिश तासीर

27 नवंबर 1980 को जन्मे तासीर ब्रिटिश मूल के पत्रकार और लेखक हैं। उनकी मां भारतीय पत्रकार तवलीन सिंह हैं। उनके पिता का नाम सलमान तासीर है जो पाकिस्तानी राजनेता और व्यवसायी हैं। तासीर नई दिल्ली में पले-बढ़े हैं। उन्होंने तमिलनाडु के कोडईकनल से अपनी स्कूली पढ़ाई की है।

इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए मैसाचुएट्स के एमहर्स्ट कॉलेज चले गए। 2001 में उन्होंने फ्रेंच और राजनीति विज्ञान में कला स्नातक की दोहरी डिग्री प्राप्त की। वह टाइम पत्रिका के लिए स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर काम करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लेख लिखने की वजह से वह चर्चा में आए थे।

क्या होती है ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया

भारतीय संसद ने साल 2003 में नागरिकता संशोधन विधेयक पारित कर विदेशों में बसे भारतीय मूल के लोगों को भारत की नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान किया है। इसे ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया के नाम दिया गया है। जिसे बोलचाल में दोहरी नागरिकता के नाम से जाना जाता है।

इसके अनुसार, भारतीय मूल का कोई भी व्यक्ति जो संविधान लागू होने के बाद भारत या उसके किसी राज्य क्षेत्र का नागरिक रहा हो और जिसने पाकिस्तान और बांग्लादेश के अलावा किसी अन्य देश की नागरिकता ग्रहण कर ली है, नागरिकता अधिनियम 1955 के अधीन पंजीकरण करा सकता है। यदि उसके देश में दोहरी नागरिकता का प्रावधान है।

पंजीकरण के बाद अगर व्यक्ति पांच साल में से एक साल भारत में रहता है तो उसे भारत की नागरिकता मिल सकती है। वर्तमान में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया सहित 16 देशों में बसे भारतीय मूल के लोगों को दोहरी नागरिकता प्रदान की जा सकती है। क्योंकि, इन देशों के नागरिक दोहरी नागरिकता ले सकते हैं।

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