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स्वतंत्र भारत के इतिहास का सबसे यशश्वी वर्ष 2019 विदा हो रहा...

स्वतंत्र भारत के इतिहास का सबसे यशश्वी वर्ष 2019 विदा हो रहा...
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स्वतंत्र भारत के इतिहास का सबसे यशश्वी वर्ष 2019 कल विदा हो रहा है। भारतीय स्वाभिमान के पुनरुत्थान का वर्ष, जिसमें भारत के माथे पर लगे 'धारा तीन सौ सत्तर' जैसे कोढ़ के दाग पोंछ दिए गए, और वर्ष के अंत मे पाकिस्तान और बंग्लादेश के उन असँख्य हिन्दुओं को उनका वह अधिकार देने का प्रयास किया गया जो लापरवाह भारतीय राजनीतिज्ञों की अकर्मण्यता के कारण उन्हें अबतक नहीं मिल पाया था।

यूँ तो इस वर्ष के सबसे बड़े नायक श्री अमित शाह दिखते हैं, पर जिस राजनेता ने मुझे सबसे अधिक प्रभावित किया वह योगी आदित्यनाथ जी हैं। CAA के बाद भारत में उभरे पाकिस्तान समर्थित वामपंथी आतंकवाद के क्रूर आक्रमण का जिस दिलेरी से उन्होंने सामना किया, वह अद्भुत है। आजाद भारत के इतिहास में बहुत कम ही राजनेता ऐसे दिखते हैं जिन्होंने ऐसे फर्जी आंदोलनों के सामने घुटने नहीं टेके, और कठोरता से अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया।

उत्तर प्रदेश की जो वर्तमान जनसँख्या दशा है, उस हिसाब से उत्तर प्रदेश इस आतंकवाद से सबसे अधिक प्रभावित होने वाला राज्य होता। उत्तर प्रदेश में इसके प्रयास सबसे अधिक हुए भी, विपक्ष ने अपनी सारी शक्ति लगा दी कि उत्तर प्रदेश जल उठे। पर योगी बाबा तो योगी बाबा हैं... उन्होंने दिखा दिया कि सरकार क्या होती है। यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि यदि योगी जी के स्थान पर कोई और मुख्यमंत्री होता तो उत्तर प्रदेश सबसे अधिक जल रहा होता। योगी बाबा वर्ष के अंत में भारतीय राजनीति के नए सुपरस्टार बन कर उभरे हैं।

वैसे भारत को जला देने के इस प्रयास ने देश के कुछ प्राचीन भरमों को तोड़ दिया है। भारत की जनता के हृदय में विद्यार्थियों को लेकर एक कोमल भावना रही है, इस आंदोलन ने इस भावना को कमजोर किया है। आन्दोलन के समय वामपंथी छात्रों ने जिस तरह "डी ग्रेड" का विरोध किया, उससे बहुत सारे भ्रम टूट गए। आंदोलन करने वाले छात्रों के पोस्टर पर लिखे "फुक हिंदुत्व, फुक गवर्मेन्ट, ........... पॉटी खा ले" जैसे नारों ने देश को बता दिया कि इन कथित विद्यार्थियों का स्तर क्या है। इनके पोस्टरों के नारों को पढ़ कर आदमी कन्फ्यूज हो जाता था कि ये वहाँ पढ़ने गए हैं या इसी विद्या की भोकेशनल ट्रेनिंग ले रहे हैं।

यदि यूनिवर्सिटी के छात्र बकरी के चरवाहों की तरह गाली गलौज करें, तो आसानी से समझा जा सकता है कि वे पढ़ाई के नाम पर क्या कर रहे हैं।

खैर! इन सब के बाद भी, 70 वर्षों बाद अपने हिस्से की धरती पर वापस स्थापित हुए पूर्व पाकिस्तानी हिन्दुओं के चेहरों पर लौटी निश्चल और संतुष्ट मुस्कान ने एक बार फिर बताया कि भारत सचमुच देवताओं की भूमि है। मोदी-शाह की जोड़ी को भारत का इतिहास सदैव याद रखेगा।

हर वर्ष के हिस्से में कुछ सकारात्मक तो कुछ नकारात्मक बातें होती हैं, पर 2019 सदैव अपने सकारात्मक बदलावों के लिए जाना जाएगा। देश अब अपने मिजाज को बदल रहा है, और 2019 इस बदलाव के आधिकारिक प्रारम्भ के लिए याद किया जाएगा।

अलविदा 2019! 2020 को भी अपने ही तरह यशश्वी होने का आशीर्वाद देना...

जय हो विजय हो, भारत माता की जय...

सर्वेश तिवारी श्रीमुख

गोपालगंज, बिहार।

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