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आद्य जगद्गुरु भगवान शंकराचार्य जी की जयंती 9 मई को मनाई जायगी

आद्य जगद्गुरु भगवान शंकराचार्य जी की जयंती 9 मई को मनाई जायगी
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प्रेम शंकर मिश्र

आदि शंकराचार्य एक महान हिन्दू दार्शनिक एवं धर्मगुरु थे. आदि शंकराचार्य जी का जन्म 788 ईसा पूर्व केरल के कालड़ी में एक नंबूदरी ब्राह्मण परिवार में हुआ था. इसी उपलक्ष में वैशाख मास की शुक्ल पंचमी के दिन आदि गुरु शंकराचार्य जयंती मनाई जाती है. इस वर्ष आद्यगुरू शंकराचार्य जयंती

9 मई 2019, के दिन मनाई जाएगी. हिन्दू धार्मिक मान्यता अनुसार इन्हें भगवान शंकर का अवतार माना जाता है यह अद्वैत वेदान्त के संस्थापक और हिन्दू धर्म प्रचारक थे. आदि शंकराचार्य जी जीवनपर्यंत सनातन धर्म के जीर्णोद्धार में लगे रहे उनके प्रयासों ने हिंदु धर्म को नव चेतना प्रदान की.

आचार्यपाद शंकर का जन्म महोत्सव भी शिवावतार होने के कारण राम,कृष्ण आदि के महोत्सववत् मनाना चाहिए।

श्री शंकराचार्य जी शिवावतार होने के कारण इस जयन्ती का आरम्भ वैशाख शुक्ल पंचमी से लेकर दशमी पर्यंत करना चाहिए।

इसमें रुद्राष्टाध्यायी, सभाष्य प्रस्थानत्रयी का पाठ, शंकर दिग्विजयों का पाठ करना चाहिए।

आचार्य के शिद्धान्तों का प्रचार-प्रसार व्याख्यानों के माध्यम से हो।

कुछ विद्वान् कहते हैं कि शंकराचार्य जयंती उत्सव नहीं मनाना चाहिए, तत्कालीन स्थित शंकराचार्यों की पूजा-आराधना करनी चाहिए, किन्तु यह उचित नहीं है।

कुछ विद्वानों ने कहा है कि आचार्य का जन्म वैशाख शुक्ल पंचमी को हुआ था, सोलह वर्ष की आयु में वैशाख पूर्णिमा के दिन व्यास दर्शन हुआ।

कार्तिक शुक्ल द्वादशी को कैलाश गमन हुआ था।

इसलिए इनके यति, ब्रह्मचारी, गृहस्थ अनुयायियों को वैशाख शुक्ल पंचमी से लेकर पूर्णिमा तक शंकराचार्य जी की जयंती मनानी चाहिए, जो कि उचित प्रतीत होता है।

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