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पुष्य नक्षत्र में 2021 की शुरुआत, होगी उन्नति कारक

पुष्य नक्षत्र में 2021 की शुरुआत,  होगी उन्नति कारक
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शुक्रवार 2021 गुरु-शनि की युति मकर राशि में रहेगी। वहीं धनु राशि में सूर्य और बुध विराजमान रहेंगे। दूसरी ओर नववर्ष का आगमन पुष्य नक्षत्र में हो रहा है अर्थात 31 दिसम्बर से 1 जनवरी तक पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है। शनि के नक्षत्र पुष्य नक्षत्र को बहुत ही शुभ माना जाता है। ज्योतिष ग्रंथों में पुष्य नक्षत्र को तिष्य यानि शुभ मांगलिक नक्षत्र कहा गया है।

31 दिसंबर 2020 को रात 7:26 बजे से गुरु पुष्य योग बन रहा है। और इसके बाद आगामी नववर्ष 2021 का शुभारंभ एक जनवरी को पुष्य नक्षत्र योग में ही होगा। अंग्रेजी नववर्ष का शुभारंभ 1 जनवरी को पुष्य नक्षत्र में रात 8:02 योग में होगा। मतबल 31 दिसंबर से 1 जनवरी तक पुष्य नक्षत्र 24 घंटे 46 मिनट तक रहेगा।

ग्रह नक्षत्र ज्योतिष शोध संस्थान प्रयागराज के अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य आशुतोष वाष्र्णेय के अनुसार नव वर्ष 2021 देश के विकास के लिए काफी फायदेमंद रहेगा, नव वर्ष का सूर्योदय पौष कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि में हो रहा है, नववर्ष के पहले दिन चंद्रमा का संचार कर्क राशि में होगा, पुष्य नक्षत्र एक जनवरी 2021 को रात के 8.17 बजे तक रहेगा, पुष्य नक्षत्र में नए साल की शुरुआत बहुत लाभप्रद है क्योंकि पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों का राजा कहा गया है, पुष्य नक्षत्र वर्ष के पहले दिन पडऩे से नया साल पिछले वर्ष के कष्टों को समाप्त कर प्रगति कारक रहेगा।

ग्रह-नक्षत्र कई शुभ संकेत दे रहे हैं। नव वर्ष में देश से कोरोना वायरस का संक्रमण काफी हद तक समाप्त होगा। लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होगी हालांकि राजनीति में कुछ उथल-पुथल के बाद अप्रैल माह से स्थिरता रहेगी, लेखकों और शिक्षकों के लिए नया वर्ष काफी लाभप्रद रहेगा, साल की शुरूआत में शुभता प्राप्त करने के लिए प्रत्येक राशि के जातकों को दान-पुण्य करना चाहिए ताकि वर्ष भर चोट-चपेट और संघर्ष से बचते हुए उनके जीवन में सुख-समृद्धि व सफलता का मार्ग प्रशस्त हो सके।

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