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नेता सब अवसरवादी हैं, सब अपने वोट बैंक के आधार पर आते जाते हैं

नेता सब अवसरवादी हैं, सब अपने वोट बैंक के आधार पर आते जाते हैं
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प्रेम शंकर मिश्र

सभी राजनैतिक पार्टियों का यही काम करने का तरीका है । सब अपने वोट बैंक के आधार पर आते जाते हैं बलराम पुर में रेप करने वाले क्योंकि मुस्लिम है वहां जाकर मुस्लिम वोट बैंक को का खतरा होगा इसलिए नहीं जा रहे हैं, राजस्थान में जाएंगे तो अपने ही सरकार के ऊपर प्रेशर बनाएंगे क्या।

बीजेपी ने जितनी तत्परता सुशांत केस में दिखाई क्योंकि वहां पर कांग्रेस और शिवसेना के हाथ में है इतनी तत्परता किसी और के नहीं दिखाइए।

पढ़ा-लिखा समाज इन सभी की कारगुजारी यों को और इनके काम करने के तरीकों को समझता है इसलिए कोई भी नेता चाहे वह किसी भी पार्टी का हो ऐसे ही करेगा जैसे कल राहुल और प्रियंका ने किया है ।

और उसने कोई बुरी बात है भी नहीं क्योंकि यह सभी लोग अवसरवादी हैं हम सबको इस चीज के लिए सतर्क रहना चाहिए, कि भगवान ना करें कभी हम से जुड़े लोग ऐसी स्थिति बने जैसी हाथरस में या दूसरे शहरों में और बिना गलती के हम फंस जाएं उस दिन इन नेताओं की सच्चाई का सभी को पता लग जाएगा !

पिछले 5 सालों में किसी ब्राह्मण बिटिया के साथ हुए अत्याचार में अगर राहुल और प्रियंका कभी बोले हो या वहां जाकर उन्होंने कुछ किया हो, या किसी परशुराम मंदिर में बैठकर जैसे वाल्मीकि मंदिर में बैठे थे आराधना की हो

नहीं क्योंकि ब्राह्मण वोट बैंक नहीं है। और मन में ब्राह्मणों के प्रति संवेदनाएं भी नहीं है हर जाति की अपनी जाति के प्रति स्वत ही संवेदनाएं होती है। ब्राह्मणों की ब्राह्मणों के प्रति जाटों के जाटों के प्रति मुस्लिमों के मुस्लिमों के प्रति तो राहुल और प्रियंका की संवेदनाएं ब्राह्मणों के प्रति नहीं है इसके वैज्ञानिक कारण है। क्यों जब मुस्लिमों के ऊपर कहीं अत्याचार होता है बीजेपी वाले आंदोलन नहीं करते क्यों दलितों के ऊपर जब अत्याचार होता है बीजेपी वाले आंदोलन नहीं करते क्योंकि यह उनका वोट बैंक नहीं है।

दुर्भाग्य से ब्राह्मण एकत्रित नही है इसलिए किसी का वोट बैंक नहीं है और इनकी आवाज को कोई भी पार्टी उठाती नहीं है। हमें में से कुछ लोग कांग्रेस के साथ जुड़े हैं कुछ बीजेपी के साथ जुड़े हैं

कुछ समाजवादी कुछ बसपा, अपना विघटन करा चुके हैं


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