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उत्तर प्रदेश

सपा में टिकटों पर हो सकता है घमासान

सपा में टिकटों पर हो सकता है घमासान
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समाजवादी पार्टी में हारी हुई दर्जन भर सीटों पर तय होने के बावजूद प्रत्याशियों की घोषणा नहीं हो रही है।

पूर्व घोषित सीटों पर उम्मीदवार बदलने और सिंटिग विधायकों के टिकटों को लेकर घमासान के आसार हैं। सीएम 2017 के चुनाव के लिए टिकट वितरण का अधिकार चाहते हैं लेकिन प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव और सपा मुखिया मुलायम सिंह उन्हें फ्री हैंड देंगे, इसमें संदेह है।

सपा में पिछले 12 दिनों से चल रही उठापटक अभी थमने का नाम नहीं ले रही है। युवा संगठनों के नेताओं, कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन व इस्तीफों को छोड़ दें तो मुलायम परिवार या उनके नजदीकी लोगों के अलावा पार्टी का कोई भी नेता इस विवाद में खुलकर बोलने को तैयार नही है। अधिकतर विधायकों, मंत्रियों ने मौन साध रखा है।

अखिलेश यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने पर प्रदेश इकाई और जिला संगठनों में खामोशी है। यूं तो सपा मुखिया के दखल से सपा का पारिवारिक विवाद थम गया लगता है लेकिन अंदर ही अंदर आग धधक रही है। इसका प्रभाव पूरी पार्टी पर दिख रहा है। यही हाल रहा तो चुनावी संभावनाओं पर भी असर पड़ सकता है।

हालात अभी भी विस्फोटक

जिस तरह से सपा नेतृत्व के नजदीकी विधायक, सांसद बयानबाजी कर रहे हैं, उससे साफ है कि स्थिति विस्फोटक बनी हुई है।

एमएलसी अरविंद प्रताप यादव को निष्कासित किए जाने पर पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव के सांसद बेटे अक्षय यादव मुखर हुए, उन्होंने शिवपाल यादव को निशाने पर लिया।

इसकी प्रतिक्रिया में बृहस्पतिवार को सपा मुखिया के नजदीकी समझे जाने वाले विधान परिषद के सभापति रमेश चन्द्र यादव के बेटे और एटा से विधायक आशीष यादव ने रामगोपाल पर तीखा हमला किया।

50-60 उम्मीदवारों को बदलना चाहती है सपा

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