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उत्तर प्रदेश

सड़कों के सहारे सत्ता हासिल करने में जुटी बीजेपी


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इन शहरों में बनाई जाएंगी रिंग रोड

जिन शहरो में रिंग बनायीं जाएंगी, उनमें लखनऊ के अलावा बनारस, इलाहबाद, गोरखपुर,बस्ती,बलिया,अगर,बरेली, राय बरेली, सुल्तानपुर,और कानपूर शामिल हैं. गडकरी तकरीबन हर सप्ताह यूपी के दौरे पर रहेंगे. 29 सितंबर को संभल, पीलीभीत, बुलंदशहर, बरेली, मेरठ, शाहजहांपुर को फायदा पहुंचाने वाली सड़क परियोजनाओं की आधार शिला रखी जाएगी.

अक्तूबर के पहले हफ्ते में आगरा, इटावा, कानपुर, अलीगढ़, फिरोजाबाद तो दूसरे हफ्ते में गाजीपुर, इलाहाबाद, महाराजगंज के इलाकों को जोड़ने वाली सड़क परियोजनाओं के काम की शुरुआत होगी. तीसरे हफ्ते में वे झांसी, चित्रकूट में रहेंगे. इरादा यह है कि यूपी के सभी हिस्सों में किसी न किसी सड़क परियोजना का शिलान्यास कर दिया जाए ताकि पार्टी के सांसद मतदाताओं को बता सकें कि उनकी केंद्र सरकार काम में जुटी है.

इस बार विकास को बड़ा मुद्दा बना रही है बीजेपी !

ये सभी योजनाएं तकरीबन 75000 करोड़ की हैं, इसमें से 1200 किलोमीटर का हिस्सा भारत माला प्रोजेक्ट के तहत है. यूपी में राम मंदिर की राजनीति करती आ रही बीजेपी इस बार विकास को बड़ा मुद्दा बना रही है. लेकिन राम, रक्षा और विकास का पूरा ख्याल भी रखा गया है.

उत्तर प्रदेश में 7800 किमी लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग है. केंद्र सरकार की योजना इसे बढाकर दोगुना यानि 14 हज़ार किलोमीटर करने की है. लेकिन इसमें सामरिक, राजनीतिक और धार्मिक महत्व का भी ख्याल रखा गया है.

उत्तर प्रदेश से नेपाल की सीमा लगती है. नेपाल बफर स्टेट है. केंद्र सरकार चीन से लगे इलाकों में सड़कों के जाल को मज़बूत करना चाहती है.

रामजानकी मार्ग

रामजानकी मार्ग न केवल धार्मिक महत्व का बल्कि सामरिक महत्व का भी हैं, क्योंकि ये अयोध्या से नेपाल के जनकपुर तक जायेगा. ये मार्ग उन जगहों कों जोड़ेगा जो मार्ग भगवान श्रीराम की बारात का था. इस मार्ग का 218 किमी लंबा हिस्सा उत्तर प्रदेश में होगा और यह उत्तर प्रदेश और बिहार के जिलों को नेपाल से जोड़ेगा, सामरिक महत्वा के साथ-साथ धार्मिक महत्व के इस मार्ग पर सड़क बनाने से विकास का रास्ता भी खुलेगा.

रामवन गमन मार्ग

ये मार्ग अयोध्या को रामेश्वरम को जोड़ने वाला मार्ग है. ये वो मार्ग है जो भगवन श्रीराम ने वनवास के दौरान अपनाया था, इस मार्ग की उत्तर प्रदेश में कुल लंबाई 262 किमी है. ये अयोध्या से चित्रकूट को फैजाबाद,सुल्तानपुर,प्रतापगढ़,जेठवाड़ा,मंझनपुरसे होकर राजपुर होते हुए चित्रकूट को जोड़ेगा.

बुद्ध सर्किट

केंद्र सरकार बुद्ध सर्किट को तीन हिस्सों में बांटा है, इसमें उत्तर प्रदेश के सारनाथ, कुशीनगर और पिपरवाह को बिहार के बोधगया से जोड़ा जाएगा. बुद्ध सर्किट में धर्मियात्रा सर्किट का तक़रीबन 125 किमी का हिस्सा उत्तर प्रदेश में पड़ेगा. ये सभी सर्किट और मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग योजना के तहत बनाए जा रहे हैं.

केंद्र सरकार को यह अहसास है कि लोगों का समर्थन तभी मिलेगा जब जमीन पर काम दिखेगा. पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में फर्क यह है कि इस बार उसकी केंद्र में सरकार है और इसीलिए पार्टी पर कुछ करके दिखाने का दबाव ज्यादा है. खास तौर से तब जबकि उसके पास राज्य के 80 में से 71 सांसद हैं.यही वजह है कि गडकरी के मंत्रालय ने 75000 करोड़ के प्रोजेक्ट सिर्फ उत्तर प्रदेश के लिए तैयार कर दिए हैं और अब इन्हें ज़मीन पर उतरने की तैयारी है.

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