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अखिलेश ने एक इंटरव्यू में दिए इन सवालों के जवाब... ‍

अखिलेश ने एक इंटरव्यू में  दिए इन सवालों के जवाब... ‍
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लखनऊ. अखि‍लेश यादव ने कहा है, 'झगड़े की वजह वो नहीं बल्‍कि‍ उनकी कुर्सी है। चुनाव में टि‍कट बांटने का उन्‍हें भी अधि‍कार मि‍लना चाहि‍ए।' उन्‍होंने ये भी कहा, 'बाहरी व्‍यक्‍ति‍ के हस्‍तक्षेप के कारण यह वि‍वाद शुरू हुआ है। ऐसे लोगों पर मुलायम सिंह के साथ मि‍लकर वे कार्रवाई करेंगे।' अखिलेश ने एक इंटरव्यू में ये बातें कहीं।

सवाल:इतना क्‍यों मुस्‍कुरा रहे हो, क्‍या गम है जो छुपा रहे हो? (लखनऊ में इंडिया टीवी के एक प्रोग्राम में ये कई सवालों के जवाब दिए)
अखिलेश:सवाल ये है कि गम तो सबको होता है। गम कौन छुपा लेता है। गम छुपाने की आदत होनी चाहिए, जो नहीं छुपा सकते।
सवाल:चाचा शिवपाल ने मंत्री पद से इस्‍तीफा दे दिया, आप कहते हैं गम नहीं।

अखिलेश:चाचा हैं मेरे और मैंने नामंजूर कर दिया।
सवाल:झगड़ा क्‍या है?
अखिलेश:झगड़ा नहीं कुछ मुद्दों पर नाराजगी है। मेरी और चाचा की जो बात हुई है, उसमें कोई नाराजगी नहीं है।
सवाल:लग तो ये रहा था कि आपकी वजह से झगड़ा हो रहा है?
अखिलेश:मेरी वजह से झगड़ा नहीं, मैं जिस कुर्सी पर बैठा हूं, उसके लिए झगड़ा है। ये इलेक्‍शन का टाइम है। हमें एक साथ मिलकर काम करना पड़ेगा। अगर कोई अच्छा व्यक्ति सीएम पोस्ट मांगेगा तो मैं उसे दे दूंगा।
सवाल:एक अखबार में पढ़ा कि आपने कहा कि 'चाचा आप सब ले लो'।
अखिलेश:मैं रात को उनसे मिला हूं और हो सकता है आप के कार्यक्रम के बाद भी मिलूंगा। रात को शिवपाल मुझसे 8.30 बजे मिले थे और रात को इस्तीफा दे दिया। उस बीच किसका मैसेज आया? फोन पर किससे बात हुई ? ये बीच का आदमी जो है, वही गड़बड़ कर रहा है। मैं यहां आने से पहले नेताजी से मिला हूं, उनसे बात हुई है। उन्‍होंने कहा है कि बीच का आदमी नहीं आएगा। मैं नेताजी से कह चुका हूं कि बाहर का आदमी हमारे बीच नहीं आएगा। अगर ऐसा हुआ तो उसे हटा दिया जाएगा।
सवाल:कौन है ये बीच का आदमी?
अखिलेश:ये तो आपको खोजना पड़ेगा। मैं तो आजम खान की बात बोलूंगा, 'चोर की दाढ़ी में तिनका क्‍यों'।
सवाल: शिवपाल और अमर सिंह की पुरानी दोस्‍ती है?
अखिलेश:नाम क्यों ले आए आप? इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है। मुझे नहीं पता कि मैसेज में क्‍या चल रहा है, फोन पर क्‍या चल रहा है?

सवाल:दीपक सिंघल को शिवपाल का आदमी माना जाता है। आपने उन्‍हें एक झटके में उड़ा दिया?
अखिलेश:दीपक सिंघल को किसने हटाया वो मैं और चाचा जानते हैं। नेताजी को जानकारी है, चाचा को जानकारी है कि वो कैसे हटे।
सवाल: गायत्री प्रजापति को हटाने की बहुत चर्चा है?
अखिलेश:चाचा को जानकारी है, नेताजी को जानकारी है वो कैसे हटे। एक बेटे के रूप में ये मेरी जिम्‍मेदारी है कि नेताजी आदेश मानूं। गायत्री प्रजापति को वापस कैबिनेट में लाने का नेताजी का फैसला भी मुझे मंजूर है।
सवाल: रामगोपाल जी नाराज होकर सैफई चले गये हैं?
अखिलेश:नहीं, कोई नाराज नहीं हैं। कोई नाराजगी नहीं है। ये बीच के लोग बहुत गड़बड़ करते हैं। नेताजी और मैंने तय किया है कि बीच वालों को अंदर नहीं आने देंगे।
सवाल:जब आप बीच वाले को हटाने की बात करेंगे तो चाचा बीच में आ जाएंगे?
अखिलेश:वो मेरे चाचा है, नेताजी के भाई हैं और उनको हमारी बात माननी होगी।
सवाल:शिवपाल के घर के बाहर कल नारे लग रहे थे?
अखिलेश:नारे लगवाने वाले नारे लगवा के पीछे हट जाते हैं। राजनीति में ऐसे लोगों से सावधान रहना चाहिए।
सवाल:अापका घर भी पास में है, आवाज तो सुनी होगी आपने?
अखिलेश:जब ऐसी बातें होती हैं तो मैं हेडफोन पर गाने सुनने लगता हूं।
सवाल:जब रातों-रात आपको प्रदेशाध्‍यक्ष के पद से हटा दिया गया तो आपको बुरा लगा?
अखिलेश:जो बुरा लगा, उसका असर आपने देखा होगा। हो सकता है, मेरी उम्र कम है तो मैंने ये फैसला ले लिया। लेकिन उम्र की वजह से ही साहसी फैसला ले लिया। नेताजी को खुश करने के लिए और भी फैसले लेने होंगे, तो मैं लूंगा।
सवाल:अब आप को फिर मुख्‍यमंत्री बनना है तो आप और फैसले लेंगे?
अखिलेश:अभी तो एकाध ही फैसले लिये हैं, उनका असर आप देख रहे हैं।
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