हाईकोर्ट के जजों के आवेदन की अनदेखी कर उपलोकायुक्त बनाए गए थे शंभू यादव

इलाहाबाद: समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबियों में शुमार प्रमोटी रिटायर्ड आईएएस अफसर शंभू सिंह यादव को सूबे का उप लोकायुक्त बनाए जाने के मामले में अखिलेश यादव सरकार अब कानूनी फंदे में फंसती नजर आ रही है.
यूपी के गृह विभाग के प्रमुख सचिव देवाशीष पांडा ने शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में जो हलफनामा दाखिल किया, उससे साफ़ है कि अखिलेश सरकार ने तमाम योग्य व अनुभवी लोगों के आवेदन को दरकिनार करते हुए सिर्फ अपनी पसंद के आधार पर शंभू सिंह यादव को इस पद के लिए चुना.
सौ लोगों ने किया था आवेदन
प्रमुख सचिव के हलफनामे के मुताबिक़ उप लोकायुक्त के लिए सौ लोगों ने आवेदन किये थे. आवेदन करने वालों में हाईकोर्ट के कई मौजूदा व पूर्व जजों के साथ ही ज़्यादातर ज्यूडिशियल सर्विसेज से थे.
हलफनामे में बताया गया कि यूपी का उपलोकायुक्त बनने के लिए जिन सौ लोगों ने आवेदन किया था, उनमे हाईकोर्ट के छह मौजूदा व रिटायर्ड जज, तैंतालीस डिस्ट्रिक्ट जज या इसी रैंक के दूसरे ज्यूडिशियल अफसर, एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज के तौर पर काम कर रहे नौ अफसर, नौ आईएएस अफसर, दो आईपीएस अफसर, तीन पीसीएस अफसर व अट्ठाइस अन्य लोग शामिल हैं.