सपना था ओलम्पिक में मेडल जीतना, लेकिन डेंगू ने छीन ली हर्षित यादव की ज़िंदगी!
परिवार में मातम पसरा
होनहार तैराक हर्षित की मौत से उसके परिवार में मातम पसरा हुआ है तो क्लब में साथ प्रैक्टिस करने वाले साथी खिलाड़ी भी ग़मज़दा हैं. हर्षित की मौत के बाद क्लब को दो दिनों के लिए बंद कर दिया गया है. परिवार वालों ने हर्षित की मौत के लिए इलाज में लापरवाही का भी आरोप लगाया है.
इलाहाबाद में डेंगू से मौत का यह पहला मामला है. इसके अलावा दो दर्जन से ज़्यादा बीमार लोगों का इलाज अलग- अलग अस्पतालों में चल रहा है. सरकारी महकमा अभी सिर्फ उन आठ लोगों को ही डेंगू से बीमार बता रहा है, जिनका इलाज सरकारी अस्पतालों में चल रहा है. डेंगू मरीजों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर शहर के सभी सरकारी अस्पतालों में एक – एक वार्ड डेंगू पीड़ितों के लिए रिजर्व कर दिए गए हैं.
स्टेट लेवल के होनहार तैराक हर्षित यादव की मौत से साफ़ है दस दिन पहले ही डेंगू की दस्तक होने के बावजूद इलाहाबाद के अस्पतालों में इसकी जांच व इलाज के पुख्ता इंतजाम अभी तक नहीं किये गए हैं. यही वजह है कि ज़्यादातर लोग प्राइवेट अस्पतालों का रुख कर रहे हैं. हालांकि इलाज की पूरी व्यवस्था न होने के बावजूद तमाम प्राइवेट अस्पताल वाले भी संदिग्ध मरीजों को अपने यहां भर्ती कर लेते हैं.