लोहता : बैश्विक महामारी कोरोना वायरस बीमारी लॉक डाउन ने उद्योग-व्यापार की कमर तोड़कर रख दी है । इस दौर में व्यापार का तरीका बदला, तो कई क्षेत्रों में कार्यरत लोग बेरोजगारी की कगार पर हैं । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र आध्यात्मिक नगरी काशी की पहचान रहा बनारसी साड़ी उद्योग भी इन्हीं में से एक है । कोरोना के चलते करघे थम गए हैं तो इस पर आश्रित बुनकरों के सामने रोजगार का संकट उत्पन्न हो गया है । मजबूरन बुनकर अपने हुनरमंद रोजगार से पलायित होकर पान, टॉफी-बिस्किट और सब्जी बेच जैसे-तैसे गुजर-बसर कर रहे हैं. बनारस के बुनकर बाहुल्य इलाके हैंडलूम-हथकरघों के शोर से गुलजार रहा करते थे लेकिन इस कोरोना काल में पिछले चार महीने से बंद पड़े हैं। बुनकर बेरोजगार हो चुके हैं,नया ऑर्डर नहीं मिलने से साड़ी की बुनाई का काम ठप पड़ा हुआ है।