लखनऊ, 12 सितंबर। बलरामपुर गार्डन, अशोक मार्ग में चल रहे 22वें राष्ट्रीय पुस्तक मेले का नौवां दिन साहित्य, नाटक और परंपरा पर चर्चाओं से सराबोर रहा।
मेले में उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने लेखक श्रीधर अग्निहोत्री की पुस्तक अनसुने सितारे और मनीष शुक्ल की मैं स्वयंसेवक का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि “किताबों में दर्ज ज्ञान अगली पीढ़ी को हस्तांतरित होता है।” उन्होंने निराला, रामविलास शर्मा और अटल बिहारी वाजपेयी का उल्लेख करते हुए साहित्य और राजनीति के संबंधों पर भी विचार व्यक्त किए।
नाट्य जगत के प्रसिद्ध लेखक-निर्देशक सुशील कुमार सिंह के नाट्य लेखन और उनके रचनाकर्म पर विशेष चर्चा हुई। सिंह ने अपने चर्चित नाटकों सिंहासन खाली है, काकोरी एक्शन आदि के अंश सुनाए। चर्चा में अभिनेता डॉ. अनिल रस्तोगी, कला समीक्षक राजवीर रतन और अन्य वक्ताओं ने अपने अनुभव साझा किए।
सांस्कृतिक सत्र में रामलीला परंपरा और पौराणिक धारावाहिकों की प्रासंगिकता पर विचार रखे गए। ऐशबाग रामलीला की बदलती परंपरा, अयोध्या रामलीला में फिल्मी कलाकारों की भागीदारी और रंगमंच पर इसके प्रभाव का जिक्र हुआ। इस मौके पर ज्योति किरन रतन ने राम भजन पर नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को भाव-विभोर किया।
दिवस की शुरुआत में डॉ. हरीश कुमार की पुस्तक कुंभ पुलिस और पोटलीवाला पर चर्चा हुई, वहीं शाम को रेवान्त की ओर से काव्य गोष्ठी ने काव्य रसिकों को आनंदित किया।
आगामी कार्यक्रम (13 सितंबर)
सुबह 11:00 बजे – पर्यावरण चेतना व सम्मान समारोह (निखिल प्रकाशन)
शाम 5:00 बजे – सम्मान समारोह (पुस्तक मेला समिति)
शाम 6:45 बजे – कथक प्रस्तुति (रतन सिस्टर्स ईशा-मीशा डांस ग्रुप)