लद्दाख राज्य और आदिवासी दर्जे की मांग को लेकर लेह में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. बुधवार को ये प्रदर्शन हिंसक हो गया. छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हो गई. छात्रों ने बीजेपी ऑफिस और CRPF की गाड़ी में आग लगा दी. इस बीच, गृह मंत्रालय ने लद्दाख के नेताओं से बातचीत की शुरुआत कर दी है. अगली बैठक 6 अक्टूबर को नई दिल्ली में होगी.
दरअसल, जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक पिछले 15 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे हैं. उनके साथ बैठे दो प्रदर्शनकारी अस्पताल में भर्ती हो गए थे. लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने और राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर लेह में 15 दिन से आंदोलन चल रहा है. दो महिला प्रदर्शनकारियों के बीमार पड़ने और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने के बाद तनाव बढ़ गया.
अंचुक और अंचुक डोल्मा नाम के प्रदर्शनकारियों की प्रदर्शन के दौरान अचानक तबीयत खराब हो गई और उन्हें पास के एक अस्पताल ले जाया गया. इस घटना से लोगों में अफरा-तफरी मच गई और लेह हिल काउंसिल की इमारत पर पथराव शुरू हो गया. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए थे.
इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व लद्दाख के लोग कर रहे हैं. आयोजकों ने बताया कि केंद्र सरकार ने इस मामले पर निर्णय के लिए 6 अक्टूबर की तारीख तय की है, लेकिन प्रदर्शनकारी इससे पहले समाधान की मांग कर रहे हैं. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, हमारी मांग तत्काल कार्रवाई की है. लद्दाख के लोग अब और इंतजार नहीं कर सकते.
कारगिल में आयोजन समिति के सदस्य सज्जाद करगली ने बताया, आंदोलन के समर्थन में कल, गुरुवार को कारगिल पूरी तरह बंद रहेगा. उन्होंने कहा, आंदोलन ज़ोर पकड़ रहा है. एकजुटता दिखाने और नई दिल्ली को एक कड़ा संदेश देने के लिए कल कारगिल बंद रहेगा.
पिछले दो हफ्तों से इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में पुरुष, महिलाएं और युवा सक्रिय रूप से शामिल हो रहे हैं. प्रदर्शनकारी लद्दाख के लिए संवैधानिक सुरक्षा और राजनीतिक अधिकारों की मांग कर रहे हैं, जबकि अधिकारियों ने संवेदनशील इमारतों और विरोध स्थलों के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर रखी है.