निलंबित ACP मोहसिन खान को बचाने के लिए दारोगा ने किया 'खेल', लगाई गलत रिपोर्ट; IIT छात्रा से यौन शोषण का मामला
कानपुर। आइआइटी की शोधार्थी के यौन उत्पीड़न के मामले में निलंबित एसीपी मोहसिन खान को बचाने के लिए रावतपुर थाने के दारोगा ने खेल कर दिया। दारोगा के खेल की वजह से गलत पुलिस रिपोर्ट के आधार पर अदालत ने पीड़ित शोधार्थी पर मुकदमा दर्ज करने की अनुमति दे दी।
दारोगा ने बिना अनुमति दूसरे थानाक्षेत्र की आख्या बिना जांच किए बनाई और कोर्ट भेज दी। यह खेल जब अधिकारियों को पता चला तो दारोगा को लाइन हाजिर कर दिया। उसके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू हो गई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, दारोगा ने एसीपी की पत्नी द्वारा लगाए आरोपों को सही बता रिपोर्ट बनाई थी। अब ये मुकदमा नवाबगंज ट्रांसफर होगा।
IIT छात्रा ने दर्ज कराया था यौन उत्पीड़न का मुकदमा
आइआइटी की शोधार्थी ने तत्कालीन एसीपी कलक्टरगंज मोहसिन खान पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा 12 दिसंबर 2024 को कल्याणपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। मोहसिन को उसी शाम हेड क्वार्टर संबद्ध कर दिया गया था। उसके बाद शोधार्थी ने मोहसिन पर धमकाने का भी आरोप लगा मुकदमा दर्ज कराया, लेकिन कुछ पुलिसकर्मी एसीपी को गिरफ्तार करने के बजाय बचाव करने में लग गए।
उसका लाभ भी उन्हें मिला और 29 दिसंबर को हाईकोर्ट से उन्हें अरेस्ट स्टे मिल गया। बाद में उन्हें निलंबित कर दिया गया। मामले में एसीपी की पत्नी सुहैला सैफ ने शोधार्थी पर आवास आकर उन्हें व उनके पति से गाली-गलौज करने, जान से मारने की धमकी, वसूली का आरोप लगाकर कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था।
कोर्ट के आदेश पर रावतपुर थाने में 30 अप्रैल को शोधार्थी पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया, लेकिन जब अधिकारियों को पता चला कि मोहसिन का आवास नवाबगंज थाना क्षेत्र में आता है और उनकी पत्नी ने शोधार्थी पर घर आकर धमकाने का आरोप लगाया था, तो ऐसे में नवाबगंज के बजाय रावतपुर में कैसे मुकदमा दर्ज हुआ।
अधिकारी ने जब रावतपुर इंस्पेक्टर से कोर्ट से आई आख्या के बारे में जानकारी की तो वह इससे अनजान रहे। पता चला कि मुकदमा दर्ज करने से पहले कोर्ट से मांगी गई आख्या रिपोर्ट रावतपुर के दारोगा राजेश कुमार बाजपेई ने बनाकर कोर्ट भेजी थी तो इसकी जांच कराई गई।
दूसरे थाना क्षेत्र में जाकर लगाई थी रिपोर्ट
एसीपी कल्याणपुर अभिषेक पांडेय ने बताया कि दारोगा ने बिना अधिकारी के अनुमति लिए ही दूसरे थाना क्षेत्र में जाकर रिपोर्ट तैयार कर लगाई थी। इसीलिए वह अधिकारी के आदेश पर लाइन हाजिर हुए हैं। विभागीय जांच भी चल रही है। मामले में रावतपुर थाने में दर्ज मुकदमा अब नवाबगंज थाने में ट्रांसफर कराने के लिए प्रक्रिया हो रही है।
दारोगा ने ऐसे किया था खेल
पुलिस सूत्रों के अनुसार, एसीपी मोहसिन की पत्नी सुहैला के प्रार्थनापत्र की जांच के आदेश 16 अप्रैल को कोर्ट ने पुलिस को दिए थे। इसका आदेश पैरोकार हेड कांस्टेबल श्याम बाबू ने रावतपुर थाने के डाक मुंशी को नहीं सौंपा था बल्कि दारोगा राजेश प्रसाद बाजपेई ने पैरोकार से सीधे यह आदेश लिया था।
उन्होंने इसकी जानकारी इंस्पेक्टर को भी नहीं दी और तथ्य छिपाकर बिना जांच एसीपी की पत्नी की तहरीर के आधार पर उनके पक्ष में रिपोर्ट बनाकर लगा दी थी।
रावतपुर इंस्पेक्टर ने भी इस जांच की जानकारी न होना बताया है। बाद में जब मामले की जांच चौकी प्रभारी को सौंपी गई और उन्होंने जांच की तो मोहसिन का आवास व घटनास्थल नवाबगंज थाना क्षेत्र में निकला।