फिरोजाबाद- अंतिम सांस तक जेल में रहेगा दुष्कर्म के बाद बालिका का हत्यारा, 44 दिन में आया कोर्ट का फैसला
फिरेाजाबाद। आठ वर्षीय बालिका की दुष्कर्म के बाद हत्या करने वाले को पुलिस की सक्रियता से 44 दिन में ही दंड मिल गया। एडीजे कोर्ट ने अंतिम सांस तक जेल में रहने का आदेश दिया है। उस पर 1.40 लाख का अर्थदंड भी लगाया है। वहीं, साक्ष्य छिपाने के प्रयास में उसके माता, पिता एवं भाई को सात-सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है।
घटना थाना नारखी क्षेत्र के एक गांव में 17 जून की शाम हुई थी। हाथरस की बालिका ननिहाल आई थी। घटना की शाम को वह घर से खेलने निकली थी। इसके बाद गायब हो गई। पुलिस की छानबीन में पता चला कि गांव के युवक कौशल ने उसे चाऊमीन मंगाने के बहाने बुलाया। इसके बाद उसके साथ दुष्कर्म किया। वह किसी को बता न दे इसलिए गला घोंट कर हत्या कर दी।
इसके बाद शव को अपने घर के एक कोने में बोरे में बंद करके रख दिया। ऊपर से ईंटें बिछा दीं। शक होने पर ननिहाल के लोग कौशल के घर गए तो पिता अर्जुन, मां राधा देवी एवं बड़े भाई मनीष ने किसी को अंदर नहीं जाने दिया। अगले दिन पुलिस ने शव बरामद किया। इसके एक दिन बाद पुलिस ने कौशल को मुठभेड़ में गिरफ्तार कर जेल भेजा। उसके स्वजन को भी जेल भेजा गया।
छह दिन में विवेचना पूरी कर आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया गया। मामले की सुनवाई अपर जिला जज एवं विशेष जज पाक्सो एक्ट मुमताज अली के कोर्ट में हुई। अभियोजन की तरफ से एडीजीसी अवधेश भारद्वाज ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि न्यायालय ने कौशल को दुष्कर्म के बाद हत्या, पाक्सो एक्ट में आजीवन कारावास की सजा तथा शव छिपाने के मामले में सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। माता, पिता एवं भाई को शव छिपाने में सहयोग का दोषी मानते हुए सात-सात वर्ष के कारावास की सजा एवं 20-20 हजार का अर्थदंड लगाया है।
135 पन्नों का आरोप पत्र, 25 दिन में ट्रायल पूरा
पुलिस ने इस मामले में 135 पन्नों की आरोप पत्र दाखिल किया था। वहीं 25 कार्य दिवस में ट्रायल समेत सभी कार्रवाई को पूरा कराया। विवेचक ने 18 गवाहों का बयान दर्ज किए। डीएनए सैंपल, बच्ची की चेन, घटनास्थल से भौतिक एवं तकनीकी साक्ष्य संकलित किए थे, जो आरोपितों की घटना में संलिप्तता दर्शाने में सहायक साबित हुआ।