बलरामपुर गार्डन में चार की शाम उद्घाटन करेंगी राज्यपाल, विजन 2047 को समर्पित होगा 22वां राष्ट्रीय पुस्तक मेला

Update: 2025-09-02 11:29 GMT



चलेगा साहित्यिक सांस्कृतिक आयोजनों और प्रतियोगिताओं का दौर

लखनऊ, 2 सितम्बर। बलरामपुर गार्डन, अशोक मार्ग में 11 दिवसीय 22वां राष्ट्रीय पुस्तक मेला चार सितंबर से प्रारम्भ होगा। ‘विजन 2047 : विकसित भारत, विकसित प्रदेश’ थीम को समर्पित इस पुस्तक मेले के चार सितंबर को शाम पांच बजे उद्घाटन के लिये राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सहमति दी है।

पुस्तक मेले के निदेशक आकर्ष चंदेल ने प्रेस वार्ता में बताया कि विजन 2047 की थीम युवाओं के लिए एक प्रेरणादायक आह्वान है।लगभग 75 हजार वर्ग फीट में फैले पुस्तक मेले का यह भव्य आयोजन 50 से अधिक प्रतिष्ठित प्रकाशकों के 120 से अधिक स्टॉलों के साथ एक विशाल विक्रय प्रदर्शनी के रूप में आकार लेगा। मेले में हजारों पुस्तकों की विविध श्रृंखला में हिंदी, अंग्रेज़ी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में साहित्य, शैक्षणिक पुस्तकें, बाल साहित्य और दुर्लभ पुस्तकों का संग्रह उपलब्ध रहेगा।

निशुल्क प्रवेश के साथ, यह मेला हर वर्ष पुस्तक प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र होता है, जो साहित्य की दुनिया में खो जाने के लिए हर साल लौटते हैं।

यह पुस्तक मेला सभी आयु वर्ग के लिए साहित्यिक और सांस्कृतिक आयोजनों का केंद्र होगा।

मेला संयोजक मनोज सिंह चंदेल ने कहा, यह केवल पुस्तक मेला नहीं, यह ज्ञान और संस्कृति का उत्सव है। हम हर प्रकार के पाठकों की रुचियों को ध्यान में रखते हुए विविध प्रकाशनों को एकत्र कर रहे हैं। हम सभी से अनुरोध करते हैं कि इस समृद्ध अनुभव का हिस्सा बनें।

मेले के लेखक सत्र और पैनल चर्चा में प्रख्यात और नवोदित लेखकों के साथ विचार-विमर्श होगा। साहित्यिक कार्यक्रमों में पारंपरिक कवि सम्मेलन, मुशायरा और पुस्तकों के विमोचन के साथ बच्चों का कोना बाल पाठकों के लिये कहानी सत्र और प्रतियोगिताएँ होंगी। रोज सुबह 11 बजे से रात नौ बजे तक जारी इस मेले में खरीदी गई हर पुस्तक पर कम से कम 10 प्रतिशत की छूट मिलेगी। एक विशेष कोना युवाओं के लिए भी होगा।

इस अवसर पर उपस्थित टीपी हवेलिया ने पिछले मेलों की उपलब्धियां गिनायीं। उन्होंने कहा कि पुस्तक मेला एक वार्षिक आयोजन है, जिसका उद्देश्य पठन संस्कृति को बढ़ावा देना और प्रकाशकों व लेखकों को अपने कार्यों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करना है। वर्षों से यह उत्तर भारत के सबसे प्रतीक्षित साहित्यिक आयोजनों में से एक है।

पुस्तक मेले के सहयोगी संस्थान यूपी मेट्रो, रेडियोसिटी, ओरिजिंस, किरण फाउंडेशन, ज्वाइन हैंड्स फाउंडेशन, लोकआंगन और विश्वम् फाउंडेशन्स हैं।

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