बलिया: 17.50 करोड़ की लागत से बना टोंस नदी का पुल अब भी अधूरा, बांस-बल्लियों से जान जोखिम में डाल रहे ग्रामीण

Update: 2025-08-28 01:24 GMT

बलिया जनपद के चितबड़ा गांव में सेतु निगम द्वारा दो साल पहले 17.50 करोड़ रुपये की लागत से टोंस नदी पर बनाया गया पुल आज भी अधूरा पड़ा है. पुल का एप्रोच मार्ग न बनने से ग्रामीणों को बांस और बल्लियों से बनी खतरनाक सीढ़ियों का सहारा लेना पड़ रहा है. इस जोखिम भरे रास्ते पर स्कूली बच्चे, बुजुर्ग, और महिलाएं रोजाना अपनी जान दांव पर लगाकर आवागमन कर रहे हैं, जिससे कई लोग घायल हो चुके हैं.

स्थानीय लोगों की शिकायतों के बाद जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने सेतु निगम को तत्काल एप्रोच मार्ग निर्माण और पुल पर आवागमन बंद करने के निर्देश दिए हैं.

अधूरे पुल की मार और ग्रामीणों की मजबूरी

बता दें कि सेतु निगम ने 2023 में टोंस नदी पर पुल का निर्माण पूरा किया, लेकिन एप्रोच मार्ग का काम शुरू नहीं किया गया. मजबूरी में ग्रामीणों ने खुद बांस-बल्लियों से सीढ़ियां बनाईं, जो अब जानलेवा साबित हो रही हैं. स्थानीय ग्रामीण राजू सिंह उर्फ डब्लू सिंह ने बताया कि पुल को दो साल से ज्यादा हो गए, लेकिन यह अब तक चालू नहीं हुआ. स्कूली बच्चे, महिलाएं, और बुजुर्गों को परेशानी हो रही है. कई लोग सीढ़ी से गिरकर चोटिल हो चुके हैं. हमने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा चेयरमैन अमरजीत सिंह ने शिलान्यास किया था, लेकिन ठेकेदारों ने पैसा लेने के बाद काम अधूरा छोड़ दिया. राजू ने डीएम को ज्ञापन देकर दो दिन में कार्रवाई का आश्वासन लिया है, वरना धरना, प्रदर्शन, या आमरण अनशन की चेतावनी दी है.

डीएम का हस्तक्षेप और कार्रवाई

मामले की जानकारी के बाद जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने स्वीकार किया कि पुल का निर्माण अधूरा है और एप्रोच मार्ग का सवाल ही नहीं उठता. उन्होंने कहा कि पुल पूरा नहीं हुआ, फिर भी लोग बांस की सीढ़ियों से उतर रहे हैं, जो खतरनाक है. सेतु निगम को तत्काल निर्माण शुरू करने और आवागमन बंद करने के निर्देश दिए गए हैं. लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि दुर्घटना से बचें.

सेतु निगम की ओर से अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, लेकिन डीएम के सख्त रुख से ग्रामीणों में उम्मीद जगी है.

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