समाजवादी दृष्टिकोण : डॉ. राधेश्याम वर्मा की कलम से
आनन्द प्रकाश गुप्ता
बहराइच। समाजवादी चिंतक डॉ. राधेश्याम वर्मा ने पीडीए नायक अखिलेश यादव द्वारा लोकसभा में प्रस्तुत आम बजट 2025-26 पर समाजवादी पार्टी के विचारों का संकलन एक लेख के रूप में पेश किया है।
डॉ. वर्मा समाजवादी आंदोलन के पुराने सिपाही रहे हैं। वे पूर्व मुख्यमंत्री एवं रक्षामंत्री मुलायम सिंह यादव के संघर्षकाल से जुड़े रहे। इसके साथ ही वे पूर्व कैबिनेट मंत्री जनेश्वर मिश्र , शिवपाल यादव , बेनी प्रसाद वर्मा, डॉ. वकार अहमद शाह के निकट सहयोगी और अखिलेश यादव के नेतृत्व में भी सक्रिय रहे हैं।
अपने लेख में उन्होंने बजट को गरीब, किसान और युवाओं की अनदेखी करने वाला करार दिया। उनका कहना है कि यह बजट उद्योगपतियों के हित में केंद्रित है। अखिलेश यादव के हवाले से उन्होंने लिखा— यह “डबल इंजन नहीं, डबल ब्लंडर बजट है”, जिसमें कृषि, एमएसएमई, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे चारों इंजन कमजोर कर दिए गए हैं।
किसानों की आय दोगुनी करने का वादा अधूरा रहना, एमएसपी की कानूनी गारंटी न मिलना और आवारा पशु समस्या का समाधान न निकलना सरकार की बड़ी नाकामी बताया गया है। वहीं बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, नोटबंदी और जीएसटी को अर्थव्यवस्था पर बोझ बताते हुए उन्होंने कहा कि आमजन का जीवन आज भी कठिनाइयों से भरा है।
डॉ. वर्मा ने अखिलेश यादव को “पीडीए नायक और जननायक” बताते हुए लिखा कि वे जनता की तकलीफ़ों को संसद से लेकर सड़क तक बुलंद आवाज़ देते हैं और यही समाजवादी आंदोलन की असली ताक़त है।
अंत में डॉ. वर्मा ने अपने समाजवादी विश्वास को दोहराते हुए लिखा—
“क्या फर्क है दाढ़ी-चोटी का, सबका सवाल है रोटी का।”
उनका मत है कि बजट तभी लोकतांत्रिक कहलाएगा, जब वह भूख मिटाने, महंगाई घटाने, किसान को न्याय दिलाने और नौजवानों को अवसर देने में कारगर साबित हो। डॉ0 वर्मा का मानना है कि असली तरक्की है वही , जो हर फर्क मिटाती है। अपने लेखीय सहयोग के लिए उन्होंने सेवानिवृत्त वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एस0के0 राय का मार्गदर्शन प्रेणा के साथ ही एडवोकेट आनन्द प्रकाश यादव , सन्त कुमार पासी , अनवर वारसी , राम करन मौर्या , सीताराम पांडेय , राम बचावन यादव देवानंद निषाद और मुद्रक मो0 हुसैन रिज़वी के प्रति आभार भी व्यक्त किया है।