राष्ट्रीय पुस्तक मेला : दसवें दिन साहित्यकारों और विद्वानों का हुआ सम्मान, रतन सिस्टर्स के कथक ने बाँधा समाँ

Update: 2025-09-13 14:29 GMT

लखनऊ, 13 सितंबर। बलरामपुर गार्डन, अशोक मार्ग पर चल रहा 22वां राष्ट्रीय पुस्तक मेला अपने समापन की ओर बढ़ चला है। ग्यारहवें दिन हिन्दी दिवस के अवसर पर यह विदाई लेगा। दसवें दिन मेले में जहां पुस्तक प्रेमियों ने मनपसंद किताबें खरीदीं, वहीं साहित्य, संस्कृति और कला के रंग भी छाए रहे।

मेले में बाराबंकी के विनय ने दलित साहित्य की 15 पुस्तकें खरीदीं, मधूलिका ने जय शेट्टी और रोजर की चर्चित किताबें पसंद कीं, जबकि विद्यार्थियों व बच्चों ने बाइनाकुलर, कलरिंग बुक्स और कहानियों का चयन किया।

सम्मान और विमोचन

निखिल प्रकाशन के पर्यावरण चेतना व सम्मान समारोह में 108 हिन्दी साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। इसी अवसर पर बंगाल के सेवानिवृत्त शिक्षक सुकुमार जैन की बांग्ला पुस्तक काकोली का विमोचन हुआ।

शाम को पुस्तक मेला समिति और द ट्रिब्यून द्वारा आयोजित समारोह में स्वास्थ्य व शिक्षा जगत की हस्तियों को सम्मानित किया गया। इसमें डॉ. एसएन गुप्ता, डॉ. ममता गुप्ता, डॉ. अरवीन तुलसी, डॉ. फराह अरशद समेत अनेक विशेषज्ञ शामिल रहे।

वहीं वाणी प्रकाशन से रतन श्रीवास्तव रतन की पुस्तक ख्वाबों का ताना-बाना का भी विमोचन किया गया।

सांस्कृतिक प्रस्तुति

शाम का मुख्य आकर्षण रही रतन सिस्टर्स ईशा-मीशा की कथक प्रस्तुति। उनकी रुद्राष्टकम, राम वंदना और सूफी रंग से सजी प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी शिष्याओं ने भी गणेश वंदना और पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किए।

आज के कार्यक्रम (14 सितंबर)

सुबह 11:00 बजे – काव्य समारोह (लक्ष्य सांस्कृतिक संस्थान)

दोपहर 2:00 बजे – साहित्यकार संसद व नमन प्रकाशन

3:30 बजे – नृत्य (स्नेहा रस्तोगी)

4:00 बजे – चन्द्रशेखर वर्मा के ग़ज़ल संग्रह पर चर्चा

4:30 बजे – के. विक्रम राव स्मृति कार्यक्रम

5:30 बजे – स्मरणांजलि

7:15 बजे – काव्य समारोह (अपूर्वा संस्था)

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