जब त्रासदी को कहा गया भगवान की कृपा! चंदौली में बाढ़ राहत के दौरान मंत्री संजीव गौंड का बयान बना चर्चा का केंद्र...
रिपोर्ट: ओ पी श्रीवास्तव, चंदौली
चंदौली: ज़िला चंदौली इन दिनों गंगा नदी की बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है। सैकड़ों घर डूब गए हैं, हजारों लोग विस्थापित हैं, और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। ऐसे में राज्य सरकार के प्रभारी मंत्री संजीव कुमार गौंड का एक बयान राहत से ज़्यादा आक्रोश फैला गया।
मुगलसराय तहसील के बहादुरपुर गांव स्थित राहत शिविर में मंत्री गौंड जब मीडिया से मुख़ातिब हुए, तो उन्होंने बाढ़ की भयावहता को “भगवान की कृपा” और “मां गंगा का आशीर्वाद” करार दे डाला। मंत्री के इस वर्जन पर जनता, सोशल मीडिया और विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।हम लोग यहां बाढ़ राहत सामग्री बांटने आए हैं। जो यह बाढ़ आई है, ये मां गंगा का आशीर्वाद है, भगवान की कृपा है... और सरकार इसमें पूरी मदद कर रही है।”
बाढ़ से बेहाल लोगों के बीच यह बयान संवेदनहीनता का प्रतीक बन गया है। पीड़ित परिवारों का कहना है कि जहां उनके पास रहने को घर नहीं, खाने को भोजन नहीं, वहां इस आपदा को ‘कृपा’ कहना कठोर मज़ाक है।स्थानीय निवासी सावित्री देवी कहती हैं कि हमारे बच्चे भूख से बिलख रहे हैं और नेता इसे आशीर्वाद कह रहे हैं? ये दुख है, न कि कृपा।आपदा के समय जनप्रतिनिधियों से अपेक्षा होती है कि वे न केवल राहत पहुंचाएं, बल्कि संवेदनशीलता और जिम्मेदारी से बात करें। मंत्री संजीव गौंड का यह बयान न सिर्फ असंवेदनशील है, बल्कि यह दर्शाता है कि सत्ता में बैठे लोग ज़मीनी सच्चाई से कितने दूर हैं।