सुविधाओं पर चर्चा, सुरक्षा पर चुप्पी: डीडीयू जंक्शन बना अराजक गतिविधियों का अड्डा, सुरक्षा एजेंसियां बेखबर...

Update: 2025-07-12 05:34 GMT



रिपोर्ट: ओ पी श्रीवास्तव संग मोहम्मद अफजल

चंदौली:पूर्व मध्य रेलवे के प्रतिष्ठित पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (डीडीयू) की हालत बद से बदतर होती जा रही है। एक ओर रेलवे यात्रियों की सुविधा और सफाई का ढोल पीटता है, वहीं दूसरी ओर हकीकत यह है कि प्लेटफॉर्म से लेकर ट्रेन की बोगियों तक अवैध वेंडिंग, नशेड़ी, भिखारी और विभागीय उदासीनता का कब्ज़ा है।

प्लेटफॉर्म पर फल स्टालों के आस-पास दर्जनों अवैध वेंडर खुलेआम बिक्री कर रहे हैं। रेलवे द्वारा खींची गई प्रतिबंधित पीली लाइन का उल्लंघन कर ये वेंडर सीधे ट्रेन की खिड़कियों तक पहुंच जाते हैं और यात्रियों से संपर्क कर बिक्री करते हैं। ट्रेन के भीतर जिन वेंडरों को डीडीयू से गया तक की सीमित बिक्री अनुमति है, वे भी विभागीय "संरक्षण" में प्लेटफार्म पर ही दुकानदारी कर रहे हैं।

सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि रेलवे परिसर में नशेड़ियों ने स्थायी डेरा जमा लिया है, जो पुरानी बोतलों में गंदा पानी भरकर यात्रियों को धोखे से बेच रहे हैं। यह न सिर्फ यात्रियों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, बल्कि रेलवे की छवि पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।

रेलवे नियमों के अनुसार, स्टेशन परिसर और ट्रेनों को नशेड़ियों, भिखारियों व किन्नरों से मुक्त रखना अनिवार्य है। लेकिन डीडीयू जंक्शन की ट्रेनों में दर्जनों भिखारी और किन्नर खुलेआम यात्रियों से वसूली करते दिखाई देते हैं। पुलिस की मौजूदगी के बावजूद इन पर कोई कार्रवाई नहीं होती, जिससे जीआरपी और कमर्शियल विभाग की मिलीभगत की बू आती है।

हैरानी की बात यह है कि हाल ही में संसद की स्थायी समिति की एक अहम बैठक में यात्री सुविधाओं पर लंबी चर्चा तो हुई, लेकिन यात्री सुरक्षा जैसे ज्वलंत मुद्दे पर एक भी जनप्रतिनिधि ने सवाल उठाना जरूरी नहीं समझा।अब सवाल यह है कि क्या रेलवे प्रशासन इन अराजक गतिविधियों पर लगाम लगाएगा या फिर सिस्टम की चुप्पी में यह भ्रष्टाचार और अव्यवस्था यूं ही फलता-फूलता रहेगा?

Similar News