आपत्तिजनक संदेशों को वायरल करने वालों से निपटने के लिए पुलिस ने कसी कमर

Update: 2019-03-15 13:27 GMT

लखनऊ । चुनावी सभाओं से पहले सोशल मीडिया पर तीखी तकरार का मंच सज चुका है। वायरल पोस्टों में व्यंग्य बाण दलों और नेताओं को सीधा निशाना बना रहे हैं। लाखों-करोड़ों पोस्ट साझा किये जा रहे हैं। चुनाव के दौरान धड़ल्ले से फारवर्ड किए जाने वाले आपत्तिजनक और माहौल बिगाड़ने वाले संदेशों को छांटने और उनकी निगरानी आसान नहीं होगी।

पुलिस ने ऐसे संदेशों को वायरल करने वालों को चिह्नित कर कार्रवाई की चुनौती से निपटने के लिए कमर कसी है। हालांकि उसके लिए झूठे संदेशों का सच परखना शीशे की राह पर परछाई का पीछा करने से कम नहीं। डीजीपी मुख्यालय स्तर पर चुनाव सेल ने सोशल मीडिया सेल का भी गठन किया है। जल्द सेल अपना काम शुरू कर देगा लेकिन, उससे पहले एसओपी तैयार की जा रही है।

सूत्रों का कहना है कि कई सॉफ्टवेयर के जरिये पुलिस वायरल संदेशों में आपत्तिजनक मैसेज को तलाशेगी। इसके लिए कई शब्दों का सहारा भी लिया जाएगा। मसलन टोपी, तिलक, मंदिर, मस्जिद, गाय जैसे शब्दों पर पुलिस खास नजर रखेगी। जिन वायरल मैसेज में ऐसे शब्द होंगे, पुलिस उनकी मानीटरिंग करेगी, ताकि माहौल बिगाडऩे वाले ऐसे किसी मैसेज पर वक्त रहते कार्रवाई की जा सके।

सोशल मीडिया सेल में कंप्यूटर विशेषज्ञ पुलिसकर्मियों को विशेषकर शामिल किया जा रहा है। आइटी एक्ट के मामलों की विवेचना में माहिर पुलिसकर्मियों को भी जुटाया जा रहा है। बताया गया कि सोशल मीडिया सेल के अधिकारी सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों के सीधे संपर्क में रहेंगे, ताकि कहीं कोई गड़बड़ी सामने आने पर आरोपितों पर तत्काल शिकंजा कसा जा सके। 

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