नई दिल्ली: बीजेपी के कम से कम 16 सांसदों और विधायकों के खिलाफ अपहरण से संबंधित आपराधिक मामले दर्ज हैं. यह भारत में किसी भी राजनीतिक दल से सबसे ज्यादा हैं. मौजूदा 4 हजार 867 सांसदों और विधायकों की तरफ से दाखिल हलफनामों के एक विश्लेषण से यह खुलासा हुआ है. चुनाव और राजनीतिक सुधारों के लिए काम करने वाली एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की तरफ से सोमवार को यह निष्कर्ष जारी किया गया है.
सूची में टॉप पर है बीजेपी
निष्कर्ष में कहा गया है कि 770 सांसदों और 4 हजार 86 विधायकों के हलफनामों से यह खुलासा हुआ कि 1 हजार 24 या कुछ 21 फीसदी देश के सांसदों-विधायकों ने यह घोषित किया है कि उनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसमें से 64 ने अपने खिलाफ अपहरण से संबंधित मामलों की घोषणा की है. इसमें से 17 विभिन्न राजनीतक दलों से ताल्लुक रखते हैं, जबकि चार निर्दलीय हैं.
बीजेपी इस सूची में शीर्ष पर है, जबकि कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) दोनों दूसरे स्थान पर हैं. दोनों के छह-छह सदस्य इस सूची में शामिल हैं. एडीआर के मुताबिक, सूची में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के पांच, बीजू जनता दल (बीजद) और द्रमुक के चार-चार, समाजवादी पार्टी (सपा), तेदेपा के तीन-तीन, तृणमूल कांग्रेस, माकपा, और शिवसेना के दो-दो सदस्य शामिल हैं. साथ ही इस सूची में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा), जद (यू), टीआरएस और उत्तर प्रदेश की निषाद पार्टी के एक-एक सदस्य का नाम भी शामिल है.
किस राज्य से कितने विधायक आरोपी?
अपहरण से संबंधित आरोपों की घोषणा करने वाले विधायकों में बिहार और उत्तर प्रदेश से नौ-नौ, महाराष्ट्र के आठ, पश्चिम बंगाल के छह, ओडिशा और तमिलनाडु से चार-चार, आंध्र प्रदेश, गुजरात और राजस्थान से तीन-तीन, और छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, पंजाब और तेलंगाना से एक-एक सदस्य शामिल हैं.