CM योगी आदित्यनाथ के प्रमुख सचिव का घूस मांगने का प्रकरण दुखद, CBI जांच हो : अखिलेश

Update: 2018-06-08 10:23 GMT

लखनऊ - समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री सचिवालय में भ्रष्टाचार को बेहद दुखद बताया है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री शशि प्रकाश गोयल के 25 लाख रुपया रिश्वत मांगने के मामले की सीबीआइ से जांच कराने की मांग की है। इसके साथ ही अखिलेश यादव ने कानपुर के लाला लाजपत राय (हैलट) अस्पताल में पांच लोगों की मौत को बेहद दर्दनाक बताया है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रमुख सचिव शशि प्रकाश गोयल पर बेहद गंभीर आरोप लगे है। सीनियर आइएएस अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाकर अभिषेक गुप्ता नाम के शख्स ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ राज्यपाल राम नाईक को एक शिकायती ई-मेल भेजकर प्रमुख सचिव एसपी गोयल पर पेट्रोल पंप की जमीन देने के बदले रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है। इस मामले में राज्यपाल ने सीएम योगी को 30 अप्रैल को पत्र भी लिखा और शिकायतकर्ता को परेशान करने और 25 लाख रुपये मांगने के मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए। इस मामले में प्रमुख सचिव सूचना अवनीश अवस्थी का कहना है कि प्रमुख सचिव गोयल पर लगाए गए आरोप निराधार हैं।अवस्थी के गोयल के पक्ष में खड़ा होने पर विपक्षी दलों ने सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया है।

मुख्यमंत्री योगी के मुख्य सचिव एसपी गोयल पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाने वाले अभिषेक गुप्ता को हिरासत में लिए जाने के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर जमकर हल्ला बोला। अखिलेश ने कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। बीजेपी के विधायक भी आरोप लगा चुके है कि अधिकारी घूस ले रहे है। उन्होंने कहा कि सरकार के सबसे बड़े अधिकारी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगना बहुत बड़ी बात है। इसमें पूरी जांच के बाद दोनों पर कार्यवाई होनी चाहिए लेकिन जिसने शिकायत की, उसी को सरकार जेल भेज रही है। रिश्वत लेना और देना दोनो ही जुर्म है। इस मामले की सरकार को अब सीधे सीबीआई से जांच करानी चाहिए। शिकायतकर्ता को इससे पहले हिरासत में लेना भी बड़ा अपराध है। कम से कम पूरी जांच के बाद ही अभिषेक गुप्ता को हिरासत में लिया जाता। अभिषेक गुप्ता द्वारा सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रमुख सचिव एसपी गोयल पर 25 लाख घूस मांगने के मामले में अखिलेश यादव ने कहा कि रिश्वत लेने और देने में धरा एक सी लगती है, लेकिन एक की गिरफ्तारी हो जाती है। जब बात मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंची है तो इसमें सीबीआई जांच होनी चाहिए। गोंडा और फतेहपुर के डीएम के खिलाफ कार्रवाई पर भी अखिलेश ने सवाल खड़े किये। अखिलेश ने कहा कि निर्दोष जिलाधिकारियों पर कार्रवाई की गई है। जिन जिलों में अवैध खनन और ओवरलोडिंग हो रही है वहां कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा। सरकार असली दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है। इसके साथ ही सरकार की टॉयलेट योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है। इसकी भी जाँच होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में तो अस्पतालों में बच्चे तथा गरीब सुविधा के अभाव में मर रहे हैं। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज के बाद फर्रुखाबाद और अब कानपुर मेडिकल कालेज में एसी प्लांट बंद होने के कारण पांच लोगों की मौत गंभीर लापरवाही है। अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कानपुर के हैलेट हस्पताल में एसी फेल होने से पांच मरीजों की मौत को दर्दनाक बताया। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था और मेडिकल कॉलेजों को तहस-नहस कर दिया है। सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था ही चौपट हो गई है। कोई मरीजों को रिक्शे पर तो कोई ठेले और टांगे से ले जा रहा है। लोगों को एम्बुलेंस की सुविधा नहीं मिल रही है। अस्पतालों में मरीजों की न जांच हो रही है और न ही दवाएं मिल रही हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि यह सरकार सिर्फ उद्घाटनों का ही उद्घाटन कर रही है। समाजवादी एम्बुलेंस सेवा से भी इसने समाजवादी नाम हटा दिया है। 

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