मेरठ में किनौनी मिल गेट पर कर्मचारी मोनू का शव रखकर धरना प्रदर्शन करने पर घंटों तक आवागमन पूरी तरह से बाधित रहा। जिससे भीषण आग पर काबू पाने की जद्दोजहद में लगे दमकल कर्मियों व सेना के जवानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। पुलिस ने सपा नेता सहित दस लोगों के खिलाफ नामजद केस दर्ज कर लिया है।
पुलिस के अनुसार आर्थिक सहायता की मांग को लेकर सपा नेता अतुल प्रधान के नेतृत्व में मोनू के शव को ट्रैक्टर-ट्राली में रखकर शुगर मिल के मुख्य गेट पर आवागमन बंद कर दिया गया था। दमकल की गाड़ियां जल्दी अंदर न जाने के कारण आग ने और भी विकराल रूप धारण कर लिया।
जहां एक तरफ सेना के जवान आग बुझाने की जद्दोजहद में लगे थे, वहीं सपा नेता वहां मौजूद लोगों को उकसाकर आग बुझाने में बाधा पहुंचा रहे थे। पुलिस अधिकारियों ने प्रशासनिक अधिकारियों से वार्ता कर मदद का भरोसा दिलाया। लेकिन फिर भी सपा नेता लोगों को उकसाकर प्रदर्शन, नारेबाजी करते हुए मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग करते रहे।
इस बीच कई बार मिल प्रबंधन को धमकी दी गई। करीब तीन घंटे तक भारी परेशानी उठानी पड़ी। मामले में पुलिस ने सपा नेता अतुल प्रधान उमेश गुर्जर निवासी जिटौला, रालोद जिलाध्यक्ष राहुल देव, सत्यप्रकाश पूर्व प्रधान जिटौला, सोनू मोरल, राजे निवासी किनौनी, सोनू निवासी खानपुर, नितिन कटारिया व उदयवीर त्यागी निवासी कैथवाड़ी सहित 150 अज्ञात लोगों पर रोहटा थाने में मुकदमा दर्ज किया है।
एसपी देहात राजेश कुमार ने इस संबंध में बताया कि धरना प्रदर्शन कर रहे इन लोगों को कई बार प्रशासनिक अधिकारियों से बात करने का हवाला देते हुए समझाने की कोशिश की गई थी। लेकिन फिर भी ये मानने को तैयार नहीं हुए। प्रदर्शन से आग बुझाने में बाधा बन रही थी। आपात स्थिति में बाधा बने लोगों में सपा नेता सहित दस लोगों को नामजद करते हुए 150 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
मैं पीड़ित परिवार के बुलाने पर गया था। साथ में अन्य नेता भी थे। शांतिपूर्वक धरना देने पर प्रशासन भाजपा के इशारे पर केस दर्ज करता है तो इससे मैं पीछे हटने वाला नहीं। - अतुल प्रधान, सपा नेता