सुलह के मुताबिक शिवपाल को राष्ट्रीय महासचिव का पद मिलेगा और बदले में वे नेताजी के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की मांग छोड़ देंगे.
पिछले करीब दो साल से मुलायम कुनबे में चली आ रही रार अब खात्मे के कगार पर है. कभी प्रदेश अध्यक्ष रहे शिवपाल यादव परिवार में सत्ता को लेकर हुई महाभारत के बाद हाशिए पर कर दिए गए थे. लेकिन अब जल्द ही उन्हें समाजवादी पार्टी में एक बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली है. सूत्रों के मुताबिक शिवपाल पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बनाए जा सकते हैं.
दरअसल, सुलह के मुताबिक शिवपाल को राष्ट्रीय महासचिव का पद मिलेगा और बदले में वे मुलायम सिंह यादव के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की मांग छोड़ देंगे. सूत्रों की मानें तो लोकसभा चुनाव से पहले परिवार को एकजुट करने के लिए इस फ़ॉर्मूले पर सहमति बन चुकी है. बस इसकी औपचारिक घोषणा बाकी है.
सपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि सुलह की कोशिश पिछले साल अक्टूबर से ही शुरू हो गई थी. उन्होंने कहा, "अब यह साफ हो चुका है कि शिवपाल को जल्द ही पार्टी में एक बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी. पिछले साल अक्टूबर में आगरा में हुए राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश यादव के दोबारा राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद ही शिवपाल को बड़ी जिम्मेदारी देने की चर्चा शुरू हुई थी. इसके बाद शिवपाल यादव और राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव के बीच पिछले दिनों दिल्ली में हुई मुलाकात के बाद बात और आगे बढ़ी.
इसके अलावा अखिलेश यादव के नेतृत्व में गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में मिली जीत के बाद भी शिवपाल के तेवर नरम पड़े. अखिलेश यादव भी अब समझ चुके हैं कि लोकसभा चुनाव में जीत के लिए परिवार में एकजुटता जरूरी है. यही वजह रही कि पिछले दिनों अखिलेश ने राज्यसभा चुनाव में पार्टी के साथ रहने पर चाचा शिवपाल यादव की प्रशंसा भी की. हालांकि, इस बारे में शिवपाल यादव से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया.