एक हफ्ते के बाद अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारत और पाकिस्तानी फोर्स के बीच फ्लैग मीटिंग हुई। इसमें दोनों तरफ से सीजफायर का उल्लंघन न करने का निर्णय लिया गया। लेकिन पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता। सूत्रों की मानें तो बीएसएफ ने जवानों को पहले से ही भी अधिक सतर्क रहने के लिए कहा है। साथ ही सीमावर्ती ग्रामीण भी गणतंत्र दिवस तक सुरक्षित स्थानों पर ही रहेंगे।
जब-जब पाकिस्तानी गोलाबारी के बाद फ्लैग मीटिंग हुई, उसके बाद दो-तीन माह तक सीमा पर शांति जरूर रही, लेकिन इस बीच कभी पाकिस्तान गुपचुप तरीके से सुरंग बनाने का काम करता रहा तो कभी आतंकियों की घुसपैठ करवाने की कोशिश की। इसलिए पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। सितंबर 2017 में भी पाकिस्तान के कहने पर फ्लैग मीटिंग हुई, लेकिन इसके कुछ ही दिन बाद अरनिया में सीमा पर एक सुरंग मिली। करीब पचास फुट तक यह सुरंग खोदी गई थी।
इसके पहले परगवाल सेक्टर में सुरंग खोदी हुई मिली। अब फिर से फ्लैग मीटिंग हुई है। बीएसएफ को पाकिस्तान पर कोई भरोसा नहीं। इसलिए जवानों से कहा गया है कि वह सचेत रहें और एंटी टनल दस्ते को भी सक्रिय रहने को कहा है। गणतंत्र दिवस तक जवानों को अधिक मुस्तैदी से रहने को कहा है। पाकिस्तान के स्नाइपर शूटरों से बचने की हिदायतें जारी की गई हैं।
सीमावर्ती इलाकों में कड़ी चौकसी
गोलाबारी की आड़ में आतंकियों की घुसपैठ होने का शक है। इसलिए सीमावर्ती इलाकों में पुलिस ने कई नाके स्थापित किए हैं। हर आने जाने वाले पर पैनी नजर रखने के लिए कहा है। वीडीसी सदस्यों, पूर्व सरपंच, पंच, नंबरदार, चौकीदार आदि लोगों से कहा गया है कि वह गांववासियों से संपर्क बनाए रखें और कहीं पर भी कोई संदिग्ध हलचल या संदिग्ध व्यक्ति दिखे तो इसकी जानकारी पुलिस को तुरंत दें, ताकि वक्त पर किसी भी घटना को नियंत्रित किया जा सके।