राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त सतीश कुमार अग्रवाल ने लखनऊ नगर निगम चुनाव में मतदाता सूचियों में उजागर हुई खामियों पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि राजधानी का प्रशासन नाकाबिल और नालायक साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि केवल बीएलओ को निलंबित करने से काम नहीं चलेगा, अव्यवस्थाओं और लापरवाही के लिए तहसीलदार से लेकर जिलाधिकारी तक जिम्मेदार हैं।
उन्होंने कहा कि जानबूझकर मतदाता सूचियों से नाम हटाकर मतदाताओं को उनके लोकतांत्रिक अधिकार से वंचित करना आपराधिक कृत्य है। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन उनसे नहीं पूछेगा तो आयोग पूछेगा। उन्होंने कहा कि मंडलायुक्त की जांच रिपोर्ट से स्पष्ट होगा कि मतदाता सूची में नाम कितने कटे, किस कारण कटे। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।
बुधवार को राज्य निर्वाचन आयोग में आयोजित प्रेसवार्ता में आयुक्त सतीश कुमार अग्रवाल ने कहा कि एक तरफ जहां पूरे प्रदेश में चुनाव व्यवस्थाएं अपेक्षाकृत अच्छी रहीं। वहीं दूसरी तरफ लखनऊ के प्रशासन की अव्यवस्थाएं रही। उन्होंने कहा कि आयोग की ओर से राजधानी में सबसे अच्छी एम 2 ईवीएम दी गई थी।
इसके बावजूद राजधानी में सर्वाधिक 251 ईवीएम बदली गई। उनमें से भी अधिकांश ईवीएम केबल सही नहीं जुड़ने के कारण नहीं बदली गई। इससे साबित होता है कि ट्रेनिंग और सतर्कता में कमी रही। उन्होंने कहा कि राजधानी में सबसे अच्छे अफसर तैनात किए जाते हैं।
एसटीएफ से भी जांच करा सकता है आयोग
आयोग के आयुक्त ने लखनऊ में मतदाता सूचियों में गड़बड़ी की जांच एसटीएफ से कराने के भी संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव में गड़बड़ी मिलने पर एसटीएफ से जांच कराकर तीन एसडीएम सहित कई अधिकारी व कर्मचारी निलंबित किए गए थे। कुछ कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी। उन्होंने कहा कि अभी प्रारंभिक जांच कराई गई है, दोषियों को किसी भी स्तर पर बक्शा नहीं जाएगा।
मतदाता कर सकते हैं शिकायत
राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त सतीश अग्रवाल ने बताया कि मतदाता सूचियों में गड़बड़ी को लेकर उन्होंने समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर पर ही संज्ञान लिया है। सपा और आप पार्टी की ओर से उन्हें लिखित में ज्ञापन देकर जांच कराने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि मतदाताओं की ओर से लिखित में शिकायत नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि मतदाता आयोग में पत्र देकर या ऑनलाइन भी मतदाता सूची में हुई गड़बड़ी की शिकायत कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बड़े अफसरों पर कार्रवाई के लिए आयोग को लिखित शिकायत मिलना से आधार मजबूत रहेगा।