अयोध्या में कारसेवकों पर गोलियां चलवाने के मामले में घिरे मुलायम, सीजेएम कोर्ट में परिवाद दायर

Update: 2017-11-28 14:52 GMT
पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के खिलाफ 1990 में कारसेवकों पर फायरिंग मामले में सीजेएम कोर्ट में परिवाद दायर किया गया है। यह परिवाद मृत कारसेवक रमेश कुमार पांडेय की पत्नी गायत्री देवी ने दायर किया है।
परिवाद को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम रवींद्र द्विवेदी की कोर्ट ने बतौर प्रकीर्ण वाद दर्ज कर लिया है। कोर्ट में इसकी पोषणीयता पर 5 दिसंबर को सुनवाई होगी।
अधिवक्ता विशाल चंद्र श्रीवास्तव ने कोर्ट में दाखिल अर्जी में कहा है कि 2 नवंबर 1990 को दोपहर में करीब 12 बजे गायत्री के पति रमेश कुमार पांडेय राम जन्मभूमि आंदोलन में एकत्र हुई कारसेवकों की भीड़ देखने हनुमान गढ़ी चौराहे की ओर जा रहे थे।
जैसे ही वह लाल कोठी के पास पहुंचे सामने से पुलिस की ओर से की चलाई गई गोली से उनकी मौत हो गई। मृतक की पत्नी ने उस समय यह जानने की कोशिश की कि उसके पति व अन्य कारसेवकों पर गोलियां किसके कहने पर और क्यों चलाई गई। लेकिन उसे कोई जानकारी नहीं मिली।
सपाइयों शर्म करो, इतनी कम सीटें तो अयोध्या में गोलियां चलवाने के बाद भी नहीं आईं: मुलायम सिंह 
उस समय उसने शासन और प्रशासन मे कई अर्जी दी लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई और वह किसी तरीके से अपने चार बच्चों का भरण पोषण कर रही है। गोलीकांड के समय सपा सरकार थी और मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव थे। 
साजिश के तहत गोलियां चलवाने का आरोप
आरोप है कि बीते 22 नवंबर को मुलायम सिंह यादव ने अपने जन्मदिन के मौके पर आयोजित सभा में कहा है कि ...इतनी कम सीटें तो अयोध्या में गोली चलवाने के बाद भी नहीं मिली थीं..। मुलायम सिंह द्वारा अपने जन्मदिन पर दिया गया यह बयान दर्शाता है कि 2 नवंबर 1990 को जान बूझकर परिवादिनी के पति व अन्य कारसेवकों पर गोलियां चलवाकर मुलायम सिंह यादव ने साजिश के तहत हत्या करवाई है।
जिसे उन्होंने खुद दिए गए भाषण में स्वीकार किया है। मुलायम सिंह गोलीकांड के समय मुख्यमंत्री थे और उन्होंने अपनी जानकारी में गोलियां चलवाकर उसके पति व अन्य कारसेवकों की हत्या की है।
परिवादिनी ने पूर्व सीएम को हत्या एवं हत्या करने के लिए साजिश रचने के अपराध में तलब करके दंडित करने की याचना की है।

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