मुलायम के "राम और कृष्ण" वाले बयान पर अखिलेश ने कही बड़ी बात, शिवपाल "अपनों" को ही कह रहे दलाल
विधानसभा चुनाव में करारी हार झेलने के बाद अब निकाय चुनाव से पहले वरिष्ठ सपा नेता मुलायम सिंह यादव के 'कृष्ण और राम' को लेकर दिए बयान से राजनीति की नई धारा बह चुकी है। सियासी मैदान में मुलायम की इस बयानबाजी से वोटर्स सपा की ओर आकर्षित होंगे या नहीं ये तो परिणाम आने पर पता चलेगा लेकिन भाजपा ने इस बयान को जाति-धर्म की राजनीति वाला करार देकर तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं।
सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी पिता के इस बयान का पक्ष लेते हुए भाजपा को जमकर कोसा। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के लोग हमको हिंदू ही नहीं मानते।
सैफई में भगवान कृष्ण की विशालकाय प्रतिमा बनवाई जा रही है। हम भगवान कृष्ण व राम दोनों को मानते हैं। भाजपा ने सदैव सपा पर यादव-मुस्लिम होने का आरोप लगाया है।
इस बार कन्नौज में जय कुमार तिवारी को टिकट देकर वह आरोप भी खत्म कर दिया गया।
उधर शिवपाल ने अपनी ही पार्टी के कुछ लोगों को दलाल तक कह दिया है। सपा विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने फिर अपने बगावती तेवर दिखा दिए हैं।
इटावा के जसवंत नगर में निर्दलीय प्रत्याशी के समर्थन में लोगों से बातचीत के दौरान शिवपाल ने कहा कि हमने और हमारे कार्यकर्ताओं ने जिस प्रत्याशी को पसंद किया उसे हमारी समाजवादी पार्टी के दलालों ने टिकट न दिलवाकर दूसरे को टिकट दिलवा दिया।
जसवंत नगर पालिका से अध्यक्ष पद पर निर्दलीय प्रत्याशी सुनील जोली को जिताने की अपील शिवपाल ने लोगों से की। इसी सीट पर सपा प्रत्याशी के रूप में सत्यनारायण उर्फ मुदगल भी चुनाव लड़ रहे हैं।
इटावा में सपा प्रत्याशी को लेकर सपा कार्यकर्ताओं में गुस्सा है। इटावा के जसवंत नगर में एक बैठक के दौरान शिवपाल ने कहा कि सभी लोग एक राय होकर वोट करेंगे। तभी हमारी ताकत बढ़ेगी।
इससे पहले शिवपाल ने ये भी कहा कि सत्यनारायण का कोई जनाधार नहीं है वो केवल एक व्यवसायी हैं।शिवपाल के इन बयानों के पाद से पार्टी में एक बार फिर आक्रोश की ज्वाला भड़क उठी है।
टिकट को लेकर समाजवादी पार्टी के बड़े नेताओं में आपसी खींचतान साफ देखी जा रही है।
डिंपल के कन्नौज लोकसभा सीट से 2019 में चुनाव नहीं लड़ने पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन पर आरोप लगता है कि सपा परिवारवाद की राजनीति करती है। वह डिंपल यादव को चुनाव नहीं लड़ाएंगे, भाजपा भी अपनी पार्टी में परिवार के लोगों को चुनाव लड़ाना बंद कर दे।