प्रादेशिक कोआपरेटिव फेडरेशन के अध्यक्ष आदित्य यादव ने कहा है कि जब तक युवाओं को सहकारी आंदोलन से नहीं जोड़ा जाएगा, तब तक बेरोजगारी की समस्या दूर नहीं होगी। युवाओं को नई तकनीक के जरिए कोआपरेटिव खेती से जोड़ कर रोजगार पैदा करना जरूरी है।
आईसीए में दूसरी बार चुनना बड़ी उपलब्धि : आदित्य यादव हाल ही में कुआलालमपुर मलेशिया में अंतरराष्ट्रीय कोआपरेटिव एलायंस (आईसीए) के चुनाव में दूसरी बार निदेशक चुने गए हैं। वह विश्व सहकारिता के इतिहास में पहले भारतीय हैं, जिन्हें आईसीए के निदेशक पद के लिए दूसरी बार चुना गया। वह इफ्को के निदेशक भी हैं। आदित्य प्रदेश में सहकारिता की प्रगति से चिंतित हैं।
इफ्को अब आरगेनिक खाद में ही करेगा निवेश : आदित्य कहते हैं कि सहकारिता के क्षेत्र में काम कर रहा इफ्को अब भविष्य में रासायनिक खादों में निवेश नहीं करेगा। जो भी निवेश होगा अब आरगेनिक खाद के लिए होगा। इफ्को के जरिए करीब 25 हजार किसान पोर्टल से जुड़ चुके हैं। यह इफ्को के ई-बाजार के जरिए खरीद भी कर रहे हैं। वह कहते हैं कि अफ्रीका हो, जापान या चीन हर कहीं सहकारिता को युवाओं से जोड़कर रोजगार पैदा किए जा रहे हैं लेकिन देश में यह रफ्तार धीमी है। उन्होंने कहा कि विदेशों की तर्ज पर इफ्को के जरिए अब इंश्योरेंस, पर्यटन के साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं को भी सहकारिता से जोड़ा जाएगा। दक्षिण भारत के किसी राज्य में इफ्को सुपर बाजार की जल्द ही स्थापना की जाएगी।
उन्होंने कहा कि जापान में युवाओं को 'किड्स कोआपरेटिव' योजना के तहत स्टार्टअप के लिए सहाकारिता के जरिये आर्थिक मदद देकर रोजगार मुहैया कराए जा रहे हैं। प्रदेश में भी जरूरी है कि इस माडल को अपनाया जाए। कृषि शिक्षा को माध्यमिक शिक्षा से जोड़ा जाना चाहिए, ताकि युवाओं को खेती-किसानी की मूलभूत बातों का पता चल सके और तकनीक के जरिये खेती को रोजगार का बड़ा जरिया बनाया जा सके।
निर्यात आयात की पीसीएफ को मिले सहूलियत : आदित्य यादव का कहना है कि सिंगापुर की एक सहकारी संस्था ने यूपी से ब्राउन राइस की मांग की। एक सहकारी संस्था ने इसके लिए सहकारिता विभाग से संपर्क किया लेकिन लालफीताशाही के चलते लाइसेंस न मिलने से यह सप्लाई रुक गई। इससे विदेशी मुद्रा का भी नुकसान हुआ।
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