लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा के खिलाफ मोर्चा बनाने को लेकर एक बार चर्चाएं फिर जोर पकड़ने लगी हैं। सपा ने धुर विरोधी पार्टी बसपा को साथ लेने की बात कहकर गठबंधन की राह खोल दी है। मायावती पहले से ही कहती आई हैं कि सम्मानजनक सीटें मिले तो उन्हें गठबंधन से एतराज नहीं। इन बयानों से धुर विरोधी पार्टियों को नजदीक आने का रास्ता साफ होता दिखाई दे रहा है।भाजपा से डर:लोकसभा चुनाव देश में 2019 में होना है। भाजपा की बढ़ती ताकत को देखकर सभी विरोधी पार्टियां घबराई हुई हैं। बसपा हो या कांग्रेस, सपा हो या अन्य छोटी पार्टियां भाजपा के खिलाफ मोर्चा लेने के लिए नए गठजोड़ की तलाश में हैं। चुनाव मेंलगा था झटका:यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में सपा-कांग्रेस ने गठबंधन पर लड़ा तो जरूर, लेकिन रिजल्ट अनुमान के मुताबिक नहीं आ सका। सपा को 47 सीटें मिलीं तो कांग्रेस को मात्र सात सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। बसपा को भी मात्र 19 सीटें ही मिल पाई। लोकसभा चुनाव नजदीक देखकर भाजपा विरोधी पार्टियों की तरफ से गठबंधन के सुर सुनाई देने लगे हैं।