26 वर्षीय कैप्टन आयुष यादव कुपवाड़ा में शहीद, थम नहीं रहा शहादत का सिलसिला
कुपवाड़ा में आतंकी हमला और फिर तीन सैनिक शहीद। जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में गुरुवार की सुबह चार बजे पंझगाम में सेना के कैंप पर एक फिदायीन हमला हुआ और इस हमले में सेना ने फिर से तीन बहादुरों को खो दिया। सेना के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया की ओर से न्यूज एजेंसी एपी को इसे हमले के बारे में जानकारी दी गई है।
इस हमले में कैप्टन आयुष यादव भी शहीद हो गए हैं। कैप्टन आयुष की उम्र सिर्फ 26 वर्ष थी और वह कुछ वर्षों पहले ही सेना में कमीशंड हुए थे। कैप्टन आयुष के साथ एक जूनियर कमांडिंग ऑफिसर (जेसीओ) और एक जवान भी शहीद हो गया है। कैप्टन आयुष इस वर्ष किसी आतंकी हमले में शहीद होने वाले इंडियन आर्मी के दूसरे ऑफिसर हैं। उनसे पहले फरवरी में मेजर सतीश दाहिया हंदवाड़ा में हुए एक एनकाउंटर में शहीद हो गए थे। इसके अलावा एक और ऑफिसर मेजर अमरदीप सिंह चहल 23 फरवरी को जम्मू कश्मीर के शोपियां में इंडियन आर्मी की पेट्रोलिंग पार्टी पर एक आतंकी हमले में बुरी तरह जख्मी हो गए थे। मेजर चहल फिलहाल खतरे से बाहर हैं और अभी रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल में भर्ती हैं। उनके सिर में गोली लगने के बाद उन्हें एयरलिफ्ट करके अस्पताल लाया गया था।
पिछले वर्ष सबसे ज्यादा ऑफिसर शहीद पिछले वर्ष इंडियन आर्मी ने अपने कई युवा ऑफिसर्स को आतंकी हमलों में गंवा दिया था। शुरुआत फरवरी 2016 में पंपोर आतंकी हमले से हुई थी जिसमें कैप्टन तुषार महाजन और कैप्टन पवन बेनीवाल शहीद हुए थे। वहीं इस वर्ष का अंत नगरोटा में हुए आतंकी हमले के साथ हुआ था। इस हमले में इंडियन आर्मी ने अपने पांच ऑफिसर्स की शहादत थी। फिलहाल कैप्टन आयुष के बारे में हम और ज्यादा जानकारी का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन इतनी कम उम्र में देश के लिए शहीद होने वाले इस बहादुर को हमारा नमन।