दावों के झूठ नग्न है, बाजार नग्न है।
दुकान नग्न ही है, खरीदार नग्न है।।
वे लूटते हैं बेटियाँ तैमूर की तरह...
कि लोकतंत्र नग्न है, सरकार नग्न है।1।
सब देख रहे बेटियों की नग्न लाश को,
मैं देख रहा हूँ कि ये संसार नग्न है।2।
वे पूछने लगे हैं जाति-धर्म पीर की....
खबरें भी बेईमान हैं, अखबार नग्न है।3।
विचार की जंजीर में विरोध कैद है,
कैसे न कहूँ हाय! कि विचार नग्न है।4।
इस जंग के मैदान को मत विविधता कहो,
मयान से बाहर है हर तलवार नग्न है।5।
सर्वेश तिवारी श्रीमुख
गोपालगंज, बिहार।