घटिया बयानबाज़ी ।
बेटियों पर प्रहार ।।
राष्ट्रीय यादव सेना ।
ये कैसा व्यवहार ?
क़द्र करो भाई ।
बेटियों से आँगन ।।
तुच्छ मानसिकता ।
अब तक है जतन ?
विचारधारा धूमिल ।
हरकतें हैं जारी ।।
विचारों का पतन ।
या गठबंधन ख़ुमारी ?
व्यंग्यात्मक लेखक :कृष्णेन्द्र राय