बढ़ गयी भूख ।
भईया जी अखिलेश ।।
दो रोटी ज़्यादा ।
खबर ये विशेष ।।
सीबीआई झगड़ा ।
प्रसन्नचित मुद्रा ।।
कलह सीबीआई ।
तोड़ डालो तंद्रा ।।
मिला है मौक़ा ।
निपटाओ अधूरा ।।
बोनस है दिवाली ।
फ़ायदा हो पूरा ।।
व्यंग्यात्मक लेखक:कृष्णेन्द्र राय
बढ़ गयी भूख ।
भईया जी अखिलेश ।।
दो रोटी ज़्यादा ।
खबर ये विशेष ।।
सीबीआई झगड़ा ।
प्रसन्नचित मुद्रा ।।
कलह सीबीआई ।
तोड़ डालो तंद्रा ।।
मिला है मौक़ा ।
निपटाओ अधूरा ।।
बोनस है दिवाली ।
फ़ायदा हो पूरा ।।
व्यंग्यात्मक लेखक:कृष्णेन्द्र राय