केंद्र सरकार ने आज लोकसभा को जानकारी दी कि जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों ने इस साल 203 आतंकवादियों को मार गिराया और यह संख्या पिछले चार साल में सर्वाधिक है। आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं में नागरिकों के हताहत होने के मामले भी इस साल सर्वाधिक रहे। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि इस साल 10 दिसंबर तक राज्य में 203 आतंकवादियों को मार गिराया गया।
जबकि 2016 में 150, 2015 में 108 और 2014 में 110 आतंकियों को सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया था। मंत्री ने बताया कि इस साल 10 दिसंबर तक आतंकवाद की घटनाओं में राज्य में 37 नागरिक मारे गये। इससे पिछले के सालों में देखें तो 2016, 2015 और 2014 में आतंकी हिंसा में क्रमश: 15, 17 और 28 लोगों ने जान गंवा दी। अहीर के अनुसार, इस अवधि के दौरान राज्य में आतंकी हिंसा की कुल 337 घटनाएं हुई। इनमें 40 नागरिकों की भी मौत हुई है। आतंकी हिंसा की घटनाओं में करीब 321 लोग घायल हुए। सुरक्षा बलों ने इस दौरान 91 आतंकवादियों को पकड़ा।
मारे गए 111 नक्सली भी
नक्सली हिंसा की चर्चा करते हुए हंसराज अहीर का कहना था कि इस वर्ष 30 नवंबर तक देश में उग्र वामपंथी हिंसा की 813 घटनाएं दर्ज की गई। इनमें 170 नागरिकों की मौत हुई। इस हिंसा में सुरक्षा बलों के 75 जवान भी शहीद हुए। सुरक्षा बलों की कार्रवाई में 111 नक्सली मारे गए। अपने जवाब में गृह राज्यमंत्री ने पूर्वोत्तर की उग्रवादी हिंसा का भी विस्तृत ब्योरा दिया। उनका कहना था कि पूर्वोत्तर के राज्यों में इस वर्ष 51 दहशतगर्द सुरक्षा बलों की कार्रवाई में मारे गए, जबकि 11 जवानों को भी अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
पाक ने 881 बार किया संघर्ष विराम का उल्लंघन
एक अन्य सवाल के जवाब में अहीर ने बताया कि इस वर्ष नवंबर तक पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर में 881 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया गया। इस दौरान सीमापार से फायरिंग में 30 लोगों की जान गई। इनमें सुरक्षा बलों 18 जवान शहीद हो गए।