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क्या केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी की कुर्सी खतरे में है?

क्या केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी की कुर्सी खतरे में है?
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क्या केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी की कुर्सी खतरे में हैं? क्या अगले 24 घंटे के भीतर उनके बेटे और लखीमपुर में किसानों पर गाड़ी चढ़ाने की घटना में आरोपी आशीष मिश्रा के गिरफ्तार होने की संभावना है? यह दोनों सवाल नार्थ ब्लाक, साऊथ ब्लाक, उद्योग भवन और शास्त्री भवन में भी चर्चा का विषय बने हुए हैं। लखीमपुर खीरी में किसानों पर गाड़ी चढ़ाने और फिर पथराव, हिंसा, आगजनी की घटना ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को काफी दुखी कर रखा है। माना जा रहा है कि इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लेगी। इसके बाद अजय मिश्रा के लिए भी उल्टी गिनती शुरू हो सकती है।

भाजपा के सांसद वरुण गांधी के भी ट्वीट खूब चर्चा में हैं। वरुण गांधी का किसान प्रेम और लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर किया गया ट्वीट पार्टी के लोगों को काफी हैरान कर रहा है। दूसरी तरफ, संघ और भाजपा के नेता भले ही उत्तर प्रदेश की सरकार और पार्टी का बचाव करते दिखाई दें, लेकिन पार्टी के भीतर इस घटना को लेकर उनका विरोध भी बढ़ रहा है। ऐसे में इसके पूरे कयास हैं कि जल्द ही आशीष मिश्र की गिरफ्तारी हो सकती है और पिता अजय मिश्र उर्फ टेनी को गृह राज्य मंत्री के पद से हाथ धोना पड़ सकता है। भाजपा के एक सांसद ने भी दबी जुबान से कहा कि इस घटना को कहीं से भी सही नहीं ठहराया जा सकता। वह कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा सबकुछ देख रहे हैं।

प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री की योजना पर फिरा पानी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पांच अक्तूबर को लखनऊ जाने का कार्यक्रम पहले से तय था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी वहां होना था और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की योजना राज्य में डिफेंस कॉरिडोर के संदर्भ में बड़ी घोषणा के तैयारी की थी। इसके लिए रक्षा मंत्रालय ने रक्षा क्षेत्र में निवेश के इच्छुक कुछ बड़े उद्योगपतियों को लखनऊ पहुंचने की जानकारी दे दी थी। कुल मिलाकर मकसद 2022 में प्रस्तावित उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को देखते हुए जोर-शोर से जमीन तैयार करने की थी। लेकिन उच्च पदस्थ सूत्र बताते हैं कि लखीमपुरी खीरी में घटित दुर्घटना के बाद रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों को उद्योगपतियों को फोन तथा मेल के जरिए कार्यक्रम को स्थगित किए जाने तथा बाद में इसे कराए जाने की जानकारी दे दी गई।

योगी आदित्यनाथ ने तेजी से उठाया कदम

उत्तर प्रदेश सरकार के गृह विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि लखीमपुर खीरी घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सक्रिय हो गए थे। उन्होंने तत्काल अधिकारियों को उचित कदम उठाने के निर्देश दे दिए थे। घटना में मारे गए लोगों को मुआवजा, एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी समेत तमाम प्रस्तावों को मानने में जरा भी देर नहीं लगाई, लेकिन इसके बाद भी राज्य सरकार की सांसत कम होने का नाम नहीं ले रही है। विपक्षी दलों को बैठे बिठाए मुद्दा मिल गया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के लखीमपुर खीरी पहुंचने के निर्णय ने भी राज्य सरकार के होश उड़ा दिए थे। वहां सपा और बसपा समेत तमाम दलों ने उत्तर प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है।

मंत्री ने क्यों कहा इस्तीफा दे दूंगा?

गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा पहली बार केंद्र सरकार में मंत्री बने हैं। उन्हें जुलाई महीने में मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार के बाद जगह मिली है, लेकिन लखीमपुर खीरी की घटना ने उनके माथे पर बल ला दिया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को समझने वाले लोगों को काहना है कि इस तरह की कोई भी स्थिति आने पर अमित शाह वास्तविकता जानने की कोशिश करते हैं। भाजपा के नेता भी मानते हैं कि इस घटना को लेकर अजय मिश्रा उर्फ टेनी से इसके बारे में जानने की कोशिश हुई होगी। इसके बाद से ही अजय मिश्रा काफी दबाव महसूस कर रहे हैं। इसलिए वह खुद इस्तीफा देने की शर्त रखकर मामले को संभालने में लगे हैं।

वीडियो वायरल होने के बाद बढ़ा लोगों का गुस्सा

लखीमपुर खीरी में किसानों और भाजपा नेताओं के बीच में हुई इस हिंसक घटना को सोशल मीडिया ने भी खूब प्राथमिकता दी। लेकिन सोमवार को अचानक फेसबुक, व्हाट्सअप, इंस्टाग्राम आदि के सर्वर ने अचानक काम करना बंद कर दिया। लेकिन शाम होते-होते घटना के दौरान गाड़ी चढ़ाने वाला वीडियो ट्विटर के जरिए तेजी से वायरल होने लगा। चार अक्तूबर की रात 12 बजे के बाद से लोगों ने गाड़ी से कुचलने रौंदने का वीडियो खूब देखा।


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