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US Visa सख्ती के असर में इजाफा: 85,000 से अधिक वीजा रद्द, भारतीय H-1B आवेदकों के इंटरव्यू अचानक स्थगित — नई सोशल मीडिया वेटिंग नीति से बढ़ी मुश्किलें

US Visa सख्ती के असर में इजाफा: 85,000 से अधिक वीजा रद्द, भारतीय H-1B आवेदकों के इंटरव्यू अचानक स्थगित — नई सोशल मीडिया वेटिंग नीति से बढ़ी मुश्किलें
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रिपोर्ट : विजय तिवारी

अमेरिका में वीजा नीति को लेकर ट्रंप प्रशासन ने 2025 की शुरुआत से अब तक अभूतपूर्व सख्ती दिखाई है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 85,000 से ज्यादा नॉन-इमीग्रेंट वीजा रद्द किए जा चुके हैं। इनमें टूरिस्ट, वर्क, स्टूडेंट और बिज़नेस वीजा तक शामिल हैं। प्रशासन का तर्क है कि राष्ट्रीय सुरक्षा मानकों को मजबूत करना और “उच्च जोखिम श्रेणी” के आवेदनों पर कड़ी निगरानी रखना बेहद ज़रूरी हो गया है।

भारतीय H-1B आवेदकों पर सबसे भारी असर

अमेरिका के टेक सेक्टर का आधार माने जाने वाले H-1B वीजा पर भी इस नीति का सीधा प्रभाव दिख रहा है।

भारतीय पेशेवरों की सबसे बड़ी हिस्सेदारी इस कैटेगरी में होने के कारण स्थिति और गंभीर हो गई है।

पिछले कुछ हफ्तों में हजारों भारतीयों के शेड्यूल इंटरव्यू अचानक स्थगित कर दिए गए।

कई आवेदकों को दूतावास की ओर से मेल मिला कि—

“आपका इंटरव्यू एडमिनिस्ट्रेटिव और सिक्योरिटी प्रोसेसिंग के कारण आगे की तारीख के लिए स्थगित किया जा रहा है।”

नए स्लॉट कब उपलब्ध होंगे, इसका स्पष्ट समय नहीं दिया गया, जिससे आवेदक और कंपनियां दोनों अनिश्चितता में हैं।

नई सोशल मीडिया वेटिंग नीति क्या है?

अमेरिका ने हाल ही में अपनी वीजा स्क्रीनिंग प्रणाली में बड़ा बदलाव किया है।

इस नीति के तहत—

1. पिछले पांच साल के सोशल मीडिया अकाउंट्स का विवरण अनिवार्य कर दिया गया है।

2. आवेदक की सोशल गतिविधियों, पोस्ट, फॉलोअर्स और इंटरैक्शन जैसी डिजिटल गतिविधियों की बारीकी से जांच की जा रही है।

3. किसी भी विवादित, चरमपंथी या संदिग्ध ऑनलाइन जुड़ाव की स्थिति में आवेदन एडवांस्ड सिक्योरिटी स्कैन में भेज दिया जाता है।

4. इस अतिरिक्त स्क्रीनिंग के चलते वीजा प्रक्रिया सामान्य से कई गुना धीमी हो गई है।

अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यह कदम “डिजिटल पहचान” के आधार पर सुरक्षा जोखिमों को पहचानने के लिए आवश्यक है।

आईटी और कॉर्पोरेट क्षेत्र पर बड़ा प्रभाव

H-1B वीजा पर आने वाले इंजीनियर, सॉफ्टवेयर डेवलपर, डेटा एक्सपर्ट और टेक प्रोफेशनल अमेरिकी बाजार की रीढ़ हैं।

लेकिन मौजूदा स्थिति के चलते—

कई मल्टीनेशनल कंपनियों को ऑन-साइट ज्वाइनिंग टालनी पड़ रही है।

चल रहे प्रोजेक्ट्स और क्लाइंट डिलीवरी पर असर पड़ने लगा है।

कुछ कंपनियों ने तो नए कर्मचारियों की ऑफर लेटर ज्वाइनिंग डेट पुनर्निर्धारित करनी शुरू कर दी है।

उद्योग संगठनों ने अमेरिकी प्रशासन को पत्र लिखकर चिंता जताई है कि वर्कफोर्स में अचानक आई बाधा से टेक सेक्टर पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।

85,000 वीजा रद्द होने का विस्तृत कारण

वीजा रद्दीकरण की भारी संख्या के पीछे प्रशासन ने कई वजहें बताई हैं—

दस्तावेजों में विसंगति

पिछले वीजा नियमों का उल्लंघन

यात्रा इतिहास और सुरक्षा संबंधित शंकाएं

आर्थिक व रोजगार संबंधी सूचनाओं का अधूरा या गलत होना

अधिकारियों के अनुसार, “हर आवेदन पर अतिरिक्त सतर्कता अपनाना जरूरी है ताकि केवल योग्य और सत्यापित व्यक्तियों को ही प्रवेश मिले।”

हालांकि अमेरिकी दूतावास का कहना है कि इंटरव्यू पुनर्निर्धारित करने पर काम चल रहा है, लेकिन यह प्रक्रिया चरणबद्ध होगी।

विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले महीनों में वीजा नीति और अधिक कठोर हो सकती है, विशेषकर उच्च-स्किल्ड विदेशी कर्मचारियों के मामले में।

फिलहाल, भारतीय H-1B आवेदकों को लम्बा इंतज़ार, अतिरिक्त दस्तावेज़ और कड़ी जांच के दौर से गुजरना पड़ेगा, जबकि कंपनियों को अपनी ग्लोबल प्लानिंग पर पुनर्विचार करना पड़ रहा है।

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