RBI का बड़ा ऐलान — जीरो बैलेंस अकाउंट धारकों को मिलेगी अनलिमिटेड मुफ्त बैंकिंग सुविधाएं।

रिपोर्ट : विजय तिवारी
देश में करोड़ों ग्राहकों के लिए राहत की बड़ी खबर सामने आई है। रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने जीरो बैलेंस या बेसिक सेविंग बैंक डिपॉज़िट (BSBD) अकाउंट को लेकर नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब इन खातों में डिजिटल पेमेंट से लेकर एटीएम विड्रॉल, चेकबुक, पासबुक और डेबिट कार्ड तक, लगभग सभी सुविधाएँ बिल्कुल फ्री होंगी। नए बदलाव बैंकिंग सेवाओं को अधिक सरल, सस्ती और सुलभ बनाने पर केंद्रित हैं।
डिजिटल पेमेंट पूरी तरह फ्री -
पहले कई बैंक UPI, IMPS, NEFT या ऑनलाइन ट्रांसफर को ‘निकासी’ मानकर शुल्क लगा देते थे। नए नियमों के अनुसार :
डिजिटल लेन-देन को अब कैश विड्रॉल नहीं माना जाएगा।
UPI, IMPS, NEFT, RTGS सभी ट्रांज़ैक्शन अनलिमिटेड और फ्री होंगे।
इससे छोटे व्यापारी, छात्र, ग्रामीण और दैनिक उपयोगकर्ता सबसे अधिक लाभान्वित होंगे।
कैश विड्रॉल की सुविधा में सुधार -
जिन ग्राहकों को नकद रखने की आवश्यकता होती है, उनके लिए भी राहत :
बैंक को हर महीने कम से कम चार बार फ्री कैश विड्रॉल देना होगा।
यह सुविधा किसी भी बैंक के एटीएम से उपयोगी होगी।
अलग-अलग बैंकों के नियमों के चलते जो असमानता थी, वह खत्म होगी।
डेबिट कार्ड पर कोई सालाना चार्ज नहीं -
पहले कई बैंक डेबिट कार्ड जारी करने और उसके नवीनीकरण पर शुल्क लेते थे।
अब जीरो बैलेंस अकाउंट पर डेबिट/ATM कार्ड पूरी तरह मुफ्त
कोई वार्षिक शुल्क या रिन्यूअल चार्ज नहीं लगेगा
चेकबुक और पासबुक भी मुफ्त -
बैंकिंग व्यवस्था में पारदर्शिता और सुविधा बढ़ाने के लिए।
हर साल 25 पन्नों की चेकबुक मुफ्त
पासबुक या मासिक स्टेटमेंट की सुविधा भी निशुल्क
पहले इन सेवाओं पर अलग-अलग बैंक अतिरिक्त शुल्क लेते थे।
जमा (Deposit) पर कोई सीमा नहीं
अब ग्राहक जितनी बार चाहें, जितनी भी राशि जमा कर सकेंगे
कैश या डिजिटल डिपॉज़िट पर कोई लिमिट नहीं होगी.
मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग फ्री
अब जीरो बैलेंस खाते को सीमित सुविधा वाला खाता नहीं माना जाएगा -
मोबाइल/इंटरनेट बैंकिंग अनिवार्य रूप से उपलब्ध
ग्रामीण और छोटे शहर के उपभोक्ताओं को डिजिटल पहुंच मजबूत होगी।
कब लागू होंगे नए नियम -
नए निर्देश 1 अप्रैल 2026 से पूरे देश में लागू हो जाएंगे
चाहें तो बैंक इन्हें पहले भी लागू कर सकते हैं।
किसे सबसे अधिक फायदा -
कम आय वर्ग, मजदूर, किसान, छात्र, ग्रामीण ग्राहक
वे लोग जो अक्सर डिजिटल पेमेंट का उपयोग करते हैं।
छोटे दुकानदार और दैनिक नकद जरूरत वाले उपभोक्ता
जो ग्राहक मिनिमम बैलेंस के दबाव से परेशान रहते थे।
RBI का यह कदम वित्तीय समावेशन और डिजिटल इंडिया को मजबूती देने की दिशा में ऐतिहासिक सुधार माना जा रहा है। इससे बैंकिंग प्रणाली अधिक पारदर्शी, सुलभ और ग्राहक-हितैषी बनेगी।




