'5 साल से इंडिया में हूं, यहीं आधार, पैन और राशन कार्ड बनाया', घुसपैठिये अबुल हुसैन का कबूलनामा

पश्चिम बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया चल रही है, जो भारत निर्वाचन आयोग (ECI) द्वारा मतदाता सूची को साफ-सुथरा बनाने, डुप्लिकेट नाम हटाने, अवैध और मृत लोगों को चिन्हित करने और नए योग्य मतदाताओं को जोड़ने के उद्देश्य से चलाई जा रही है। पश्चिम बंगाल में एसआईआर का भय लोगों में साफ दिखाई दे रहा है। पश्चिम बंगाल में कई बांग्लादेशी घुसपैठिए भी हैं।
दो साल से ले रहा था राशन
बंगाल के नॉर्थ 24 परगना जिले में बांग्लादेश लौटने का इंतजार कर रहे बांग्लादेशियों में से एक अबुल हुसैन भी हैं। अबुल हुसैन ने इंडिया टीवी से बातचीत करते हुए एक सनसनीखेज बात कबूल की है। हुसैन ने बताया कि वह गैर-कानूनी तरीके से भारत आया और अपने परिवार के पांच सदस्यों के आधार कार्ड, पैन कार्ड और राशन कार्ड बनवाए। वह पिछले दो सालों से राशन भी ले रहा है। सवाल उठ रहे हैं कि गैर-कानूनी तरीके से रहने वाला यह बांग्लादेशी नागरिक इतनी आसानी से देश का पहचान पत्र कैसे बना पाया।
गांव में ही बना आधार कार्ड
घुसपैठी बांग्लादेशी अबुल हुसैन ने कहा, 'मैं 5-6 साल या उससे ज़्यादा समय से इंडिया में हूँ। 3 लोग आए थे, अब परिवार से 5-6 लोग हैं। ऊपर से ऑफिसर गाँव के स्कूल कैंप में आते थे और मैंने उसी कैंप से आधार कार्ड बनवाए थे। मैंने आधार कार्ड, पैन कार्ड और राशन कार्ड बनवाए थे। मैं 2 साल तक राशन लेता था।'
कोई डॉक्यूमेंट नहीं मांगा गया
अबुल हुसैन ने आगे कहा, 'ऊपर से सीनियर ऑफिसर स्कूल आते थे। बस उन्हें मेरा नाम और पता बता देने से आधार कार्ड बन जाता था। उस समय उन्होंने मुझसे कोई और डॉक्यूमेंट नहीं माँगा। 60 रुपए कंप्यूटर खर्चा के लगते थे। मेरा वोटर कार्ड नहीं बना। मैंने एक बार कोशिश की थी। लेकिन बना नहीं। उन्होंने मुझसे बहुत पैसे माँगे। हम गरीब लोग हैं, इतने पैसे कहाँ से लाएँगे?'
अब जा रहा हूं वापस...
बांग्लादेशी घुसपैठी ने कहा, 'उन्होंने वोटर कार्ड के लिए 15 हज़ार 16 हज़ार माँगे। गाँव में कुछ लोग हैं जिन्होंने माँगे थे। मैं भांगर के पास काशीपुर गाँव में रहता था। मैं यहाँ 6-7 साल से ज़्यादा समय से हूँ और मैं 2 साल तक राशन लेता था। परिवार में 5 सदस्य हैं, हर किसी के पास आधार कार्ड है। मैं वापस जा रहा हूं क्योंकि सरकार आधार कार्ड या उस कागज को स्वीकार नहीं करती है।'
जेल में डालने की दी जा रही है धमकी
इसके साथ ही उसने कहा, 'वे मुझे धमका रहे हैं। वे कहते हैं कि वे मुझे जेल में डाल देंगे। मुझे बताओ आप, हम गरीब लोग हैं। हम जेल कैसे जाएंगे। इतने सारे बच्चे हैं। मैं पैसे नहीं जुटा सका। मैं बड़ी मुश्किल से यहां तक आया हूं। मेरे पास अब पैसे भी नहीं हैं। मेरा घर बांग्लादेश के खुलना जिले में है।'




