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भारत निर्वाचन आयोग ने SIR कार्यक्रम की तिथियों में किया संशोधन, उत्तर प्रदेश के लिए नई समय-सारिणी जारी

भारत निर्वाचन आयोग ने SIR कार्यक्रम की तिथियों में किया संशोधन, उत्तर प्रदेश के लिए नई समय-सारिणी जारी
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लखनऊ, 30 दिसम्बर 2025।

भारत निर्वाचन आयोग ने अर्हता तिथि 01 जनवरी 2026 के आधार पर उत्तर प्रदेश में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) कार्यक्रम की घोषित तिथियों में संशोधन करते हुए नई और विस्तृत समय-सारिणी जारी कर दी है। इस निर्णय का उद्देश्य मतदाता सूची को और अधिक सटीक, पारदर्शी व त्रुटिरहित बनाना है, ताकि सभी पात्र नागरिकों का नाम मतदाता सूची में सुनिश्चित रूप से सम्मिलित हो सके।

उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि निर्वाचन आयोग के निर्देशों के क्रम में राज्यभर में मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया गया है। इससे नए मतदाताओं का नाम जोड़ने, मृत अथवा स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाने तथा नाम, आयु, फोटो या पते में सुधार जैसे कार्य प्रभावी ढंग से किए जा सकेंगे।

संशोधित कार्यक्रम के प्रमुख चरण

मतदाता सूची का आलेख्य (ड्राफ्ट) प्रकाशन :

06 जनवरी 2026

दावे एवं आपत्तियां दर्ज करने की अवधि :

06 जनवरी से 06 फरवरी 2026

नोटिस चरण, गणना प्रपत्रों पर निर्णय एवं दावे–आपत्तियों का निस्तारण :

06 जनवरी से 27 फरवरी 2026

उत्तर प्रदेश की मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन :

06 मार्च 2026

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने स्पष्ट किया कि दावे और आपत्तियों की अवधि के दौरान बूथ लेवल अधिकारी (BLO), निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO) एवं सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (AERO) द्वारा प्राप्त आवेदनों का परीक्षण किया जाएगा। सभी मामलों में आवश्यक सत्यापन, सुनवाई और नियमानुसार निर्णय लेकर पारदर्शिता के साथ निस्तारण किया जाएगा।

उन्होंने यह भी बताया कि 01 जनवरी 2026 को 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले युवा नागरिक, जिनका नाम अभी मतदाता सूची में शामिल नहीं है, वे इस अवसर का लाभ उठाकर अपना नाम दर्ज करा सकते हैं। साथ ही, मतदाता अपने विवरण को ऑनलाइन पोर्टल अथवा संबंधित मतदान केंद्र पर जाकर भी जांच सकते हैं।

निर्वाचन आयोग ने आम जनता से अपील की है कि वे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी निभाते हुए निर्धारित समय-सीमा के भीतर अपनी मतदाता प्रविष्टियों का सत्यापन अवश्य करें। सही और अद्यतन मतदाता सूची न केवल निष्पक्ष चुनाव की नींव है, बल्कि यह लोकतंत्र की मजबूती का भी आधार है।

यह संशोधित SIR कार्यक्रम आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक कदम माना जा रहा है, जिससे प्रदेश में स्वच्छ, निष्पक्ष और पारदर्शी निर्वाचन प्रक्रिया को और अधिक मजबूती मिलेगी।

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