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कांग्रेस के 140वें स्थापना दिवस पर केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार, खड़गे बोले—हम कम हुए हैं, पर कमजोर नहीं

कांग्रेस के 140वें स्थापना दिवस पर केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार, खड़गे बोले—हम कम हुए हैं, पर कमजोर नहीं
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रिपोर्ट : विजय तिवारी

नई दिल्ली।

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 140वें स्थापना दिवस के अवसर पर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र की भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कड़ा हमला बोला। दिल्ली में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस की राजनीतिक ताकत भले ही पहले जैसी न हो, लेकिन पार्टी की वैचारिक मजबूती और लोकतांत्रिक प्रतिबद्धता आज भी अडिग है।

खड़गे ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जो लोग यह दावा करते हैं कि कांग्रेस समाप्त हो गई है, उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि सत्ता कम होना कमजोरी नहीं होती। कांग्रेस ने कभी सत्ता के लिए अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया और न ही संविधान, धर्मनिरपेक्षता तथा गरीबों-वंचितों के अधिकारों पर कोई सौदा किया है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी धर्म के नाम पर वोट नहीं मांगे और न ही समाज को मंदिर-मस्जिद के नाम पर बांटने की राजनीति की। कांग्रेस का काम जोड़ना रहा है, जबकि भाजपा की राजनीति समाज को तोड़ने वाली है। धर्म को आस्था तक सीमित रखना कांग्रेस की परंपरा रही है, लेकिन आज उसे राजनीतिक हथियार बनाया जा रहा है।

आंकड़ों और संस्थानों पर सवाल

कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार के पास सत्ता तो है, लेकिन सच्चाई का अभाव है। इसी कारण कभी आंकड़े छिपाए जाते हैं, कभी जनगणना को टाला जाता है और कभी संविधान में बदलाव की चर्चाएं सामने आती हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में कांग्रेस शासनकाल में बनाए गए कई स्वायत्त संस्थानों को कमजोर किया गया है, जिससे लोकतांत्रिक ढांचा प्रभावित हुआ है।

संसाधनों और अधिकारों पर खतरे का आरोप

खड़गे ने कहा कि आज देश की राष्ट्रीय संपदा के साथ-साथ जल, जंगल और जमीन भी खतरे में हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि RSS-BJP से जुड़े कई नेताओं का संविधान, तिरंगा, अशोक चक्र और ‘वंदे मातरम’ जैसे राष्ट्रीय प्रतीकों से ऐतिहासिक रूप से विरोध रहा है। उनके अनुसार, स्वतंत्रता आंदोलन से दूरी रखने वाले लोग आज जनता के अधिकारों को सीमित करने में लगे हुए हैं।

UPA दौर के कानूनों का किया स्मरण

अपने संबोधन में खड़गे ने UPA सरकार के कार्यकाल का उल्लेख करते हुए कहा कि सोनिया गांधी के नेतृत्व और डॉ. मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते हुए जनता को सशक्त बनाने वाले कई ऐतिहासिक कानून लागू किए गए। इनमें सूचना का अधिकार (RTI), शिक्षा का अधिकार (RTE), खाद्य सुरक्षा कानून, मनरेगा, वन अधिकार कानून और भूमि अधिग्रहण से जुड़े सुधार शामिल हैं।

वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी

स्थापना दिवस के कार्यक्रम में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे। इंदिरा भवन में ध्वजारोहण कर नेताओं ने कांग्रेस की लोकतांत्रिक परंपराओं और संघर्षपूर्ण इतिहास को याद किया।

सोशल मीडिया पर संदेश

इस अवसर पर कांग्रेस ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया मंच X के माध्यम से कार्यकर्ताओं और समर्थकों को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दीं।

पार्टी ने कहा कि कांग्रेस ने आज़ादी की लड़ाई से लेकर राष्ट्र निर्माण तक अहम भूमिका निभाई है और आज भी नफरत, अन्याय व उत्पीड़न के खिलाफ मजबूती से संघर्ष कर रही है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

गौरतलब है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को मुंबई के दादर स्थित दास तेजपाल संस्कृत कॉलेज में हुई थी। पहले अधिवेशन में 72 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। पार्टी के संस्थापक महासचिव एओ ह्यूम थे, जबकि व्योमेश चंद्र बनर्जी को कांग्रेस का पहला अध्यक्ष चुना गया था।

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