रेलवे ने पैसेंजर ट्रेनों का किराया बढ़ाया- प्रति किलोमीटर आधार पर आंशिक वृद्धि, यात्रियों पर सीमित प्रभाव

रिपोर्ट : विजय तिवारी
भारतीय रेल ने यात्री सेवाओं के किराये में प्रति किलोमीटर के आधार पर सीमित वृद्धि लागू करने का निर्णय लिया है। यह कदम परिचालन लागत, ईंधन व्यय, कोचों के रखरखाव, सुरक्षा मानकों और यात्री सुविधाओं के उन्नयन को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
प्रशासन का कहना है कि संशोधन संतुलित रखा गया है, ताकि आम यात्रियों पर अतिरिक्त बोझ न्यूनतम रहे और सेवा गुणवत्ता में निरंतर सुधार संभव हो सके।
किराया वृद्धि का स्पष्ट विवरण सामान्य (पैसेंजर) ट्रेनें
1 पैसा प्रति किलोमीटर की वृद्धि
मेल/एक्सप्रेस – नॉन एसी श्रेणी
2 पैसे प्रति किलोमीटर की वृद्धि
मेल/एक्सप्रेस – एसी श्रेणी
2 पैसे प्रति किलोमीटर की वृद्धि
यह बढ़ोतरी यात्रा की कुल दूरी के अनुसार अंतिम टिकट किराये में स्वतः जोड़ी जाएगी।
लागू दायरा और अपवाद
लोकल/उपनगरीय सेवाएं :
दैनिक यात्रियों को राहत देते हुए इन सेवाओं को वृद्धि से बाहर रखा गया है।
आरक्षित व अनारक्षित टिकट: दूरी के अनुपात में दोनों पर संशोधित दरें लागू होंगी।
रियायतें और अन्य शुल्क
वैधानिक रियायतें (वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग, विद्यार्थी आदि) यथावत रहेंगी।
अन्य शुल्क—जैसे रिजर्वेशन चार्ज, सुपरफास्ट चार्ज, जीएसटी (जहां लागू)—पहले की तरह अलग से लागू रहेंगे।
राउंडिंग नियम में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
लागू करने की प्रक्रिया
संशोधित दरें कम्प्यूटरीकृत आरक्षण प्रणाली में अपडेट की गई हैं।
टिकट बुकिंग के समय नया किराया स्वतः प्रदर्शित होगा।
ई-टिकट और काउंटर टिकट पर किराये का स्पष्ट विवरण दर्शाया जाएगा।
प्रशासन का पक्ष
भारतीय रेलवे के अनुसार, यह वृद्धि न्यूनतम और दूरी-आधारित है।
लक्ष्य समयपालन, स्वच्छता, सुरक्षा प्रबंध और स्टेशन/कोच सुविधाओं को बेहतर बनाना है, ताकि यात्रियों को अधिक विश्वसनीय और सुरक्षित सेवाएं मिल सकें।
यात्रियों पर संभावित प्रभाव
कम दूरी : कुल किराये में बहुत मामूली बदलाव।
लंबी दूरी : कुल राशि में सीमित वृद्धि, सेवा सुधार का दावा।
दैनिक लोकल यात्री : प्रभाव नहीं। यात्रियों के लिए उपयोगी सलाह
यात्रा से पहले संशोधित किराये की पुष्टि कर लें।
लंबी दूरी की योजना बनाते समय कुल खर्च का अनुमान पहले से करें।
रियायत पात्र यात्री वैध प्रमाण साथ रखें।
किराये में यह आंशिक संशोधन व्यवहारिक, पारदर्शी और संतुलित माना जा रहा है। लोकल सेवाओं को बाहर रखना, रियायतें बनाए रखना और स्वचालित प्रणाली से लागू करना—ये सभी पहलू यात्रियों के हितों को प्राथमिकता देने की दिशा में उठाए गए कदम हैं।




