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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का लोकसभा में स्पष्ट संदेश- अब स्टेशन पर ही तुलेगा सामान, ज्यादा लगेज पर चुकानी होगी अतिरिक्त रकम

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का लोकसभा में स्पष्ट संदेश- अब स्टेशन पर ही तुलेगा सामान, ज्यादा लगेज पर चुकानी होगी अतिरिक्त रकम
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रिपोर्ट विजय तिवारी

नई दिल्ली।

रेल यात्रा के दौरान जरूरत से ज्यादा सामान लेकर चलने वाले यात्रियों के लिए अब नियम और कड़े होने जा रहे हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में कहा है कि तय सीमा से अधिक वजन का सामान पाए जाने पर यात्रियों से अतिरिक्त शुल्क वसूला जाएगा। यह शुल्क सामान के वजन और यात्रा श्रेणी के मानकों के अनुसार निर्धारित होगा।

लोकसभा में सांसद वेमिरेड्डी प्रभाकर रेड्डी के प्रश्न का उत्तर देते हुए रेल मंत्री ने बताया कि लगेज से जुड़े ये नियम पहले से मौजूद हैं, लेकिन अब इन्हें और सख्ती के साथ लागू किया जाएगा। इसका उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाना और ट्रेनों के संचालन को अधिक व्यवस्थित बनाना है।

स्टेशन पर ही होगी जांच

रेलवे के अनुसार कई प्रमुख स्टेशनों पर यात्रियों के सामान को तौलने की व्यवस्था की जा रही है। तय सीमा से अधिक वजन पाए जाने पर यात्रियों को स्टेशन पर ही अतिरिक्त लगेज शुल्क जमा करना होगा। इससे कोचों में अव्यवस्था, गलियारों में रखे भारी बैग और संभावित सुरक्षा जोखिमों पर नियंत्रण लगेगा।

क्लास के हिसाब से तय सीमा

रेलवे नियमों के तहत हर यात्रा श्रेणी के लिए मुफ्त सामान की एक निश्चित सीमा तय है। सेकंड क्लास और स्लीपर श्रेणी में सीमित वजन तक सामान मुफ्त ले जाने की अनुमति है, जबकि एसी और चेयर कार में यह सीमा और नियंत्रित है। निर्धारित सीमा से अधिक सामान ले जाने पर या तो पार्सल बुकिंग करानी होगी या अतिरिक्त शुल्क देना होगा।

सुरक्षा और सुविधा पर जोर

रेल मंत्रालय का कहना है कि जरूरत से ज्यादा सामान यात्रियों की आवाजाही में बाधा बनता है और आपात स्थिति में खतरा भी पैदा कर सकता है। इसलिए लगेज नियमों का सख्त पालन यात्रियों की सुविधा, सफाई और सुरक्षा—तीनों के लिए जरूरी है।

यात्रियों के लिए सलाह

रेल मंत्री ने यात्रियों से अपील की है कि यात्रा से पहले लगेज नियमों की जानकारी लें और सामान तय सीमा में ही रखें। अधिक सामान होने पर पार्सल सेवा का उपयोग करना बेहतर विकल्प होगा।

नतीजा

रेल मंत्री के बयान से साफ है कि अब रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में अतिरिक्त सामान को लेकर सख्ती बढ़ेगी। तय सीमा से ज्यादा वजन होने पर जांच के साथ-साथ अतिरिक्त भुगतान भी अनिवार्य होगा। यह कदम रेलवे व्यवस्था को अधिक अनुशासित और सुरक्षित बनाने की दिशा में अहम माना जा रहा है।

रिपोर्ट विजय तिवारी

नई दिल्ली।

रेल यात्रा के दौरान जरूरत से ज्यादा सामान लेकर चलने वाले यात्रियों के लिए अब नियम और कड़े होने जा रहे हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में कहा है कि तय सीमा से अधिक वजन का सामान पाए जाने पर यात्रियों से अतिरिक्त शुल्क वसूला जाएगा। यह शुल्क सामान के वजन और यात्रा श्रेणी के मानकों के अनुसार निर्धारित होगा।

लोकसभा में सांसद वेमिरेड्डी प्रभाकर रेड्डी के प्रश्न का उत्तर देते हुए रेल मंत्री ने बताया कि लगेज से जुड़े ये नियम पहले से मौजूद हैं, लेकिन अब इन्हें और सख्ती के साथ लागू किया जाएगा। इसका उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाना और ट्रेनों के संचालन को अधिक व्यवस्थित बनाना है।

स्टेशन पर ही होगी जांच

रेलवे के अनुसार कई प्रमुख स्टेशनों पर यात्रियों के सामान को तौलने की व्यवस्था की जा रही है। तय सीमा से अधिक वजन पाए जाने पर यात्रियों को स्टेशन पर ही अतिरिक्त लगेज शुल्क जमा करना होगा। इससे कोचों में अव्यवस्था, गलियारों में रखे भारी बैग और संभावित सुरक्षा जोखिमों पर नियंत्रण लगेगा।

क्लास के हिसाब से तय सीमा

रेलवे नियमों के तहत हर यात्रा श्रेणी के लिए मुफ्त सामान की एक निश्चित सीमा तय है। सेकंड क्लास और स्लीपर श्रेणी में सीमित वजन तक सामान मुफ्त ले जाने की अनुमति है, जबकि एसी और चेयर कार में यह सीमा और नियंत्रित है। निर्धारित सीमा से अधिक सामान ले जाने पर या तो पार्सल बुकिंग करानी होगी या अतिरिक्त शुल्क देना होगा।

सुरक्षा और सुविधा पर जोर

रेल मंत्रालय का कहना है कि जरूरत से ज्यादा सामान यात्रियों की आवाजाही में बाधा बनता है और आपात स्थिति में खतरा भी पैदा कर सकता है। इसलिए लगेज नियमों का सख्त पालन यात्रियों की सुविधा, सफाई और सुरक्षा—तीनों के लिए जरूरी है।

यात्रियों के लिए सलाह

रेल मंत्री ने यात्रियों से अपील की है कि यात्रा से पहले लगेज नियमों की जानकारी लें और सामान तय सीमा में ही रखें। अधिक सामान होने पर पार्सल सेवा का उपयोग करना बेहतर विकल्प होगा।

नतीजा

रेल मंत्री के बयान से साफ है कि अब रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में अतिरिक्त सामान को लेकर सख्ती बढ़ेगी। तय सीमा से ज्यादा वजन होने पर जांच के साथ-साथ अतिरिक्त भुगतान भी अनिवार्य होगा। यह कदम रेलवे व्यवस्था को अधिक अनुशासित और सुरक्षित बनाने की दिशा में अहम माना जा रहा है।

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