प्रियंका गांधी का तीखा हमला : “न्यायपालिका दबाव में, मीडिया अडानी–अंबानी की आवाज़ बन चुकी”

बैलेट पेपर से चुनाव हुए तो भाजपा हारेगी—दिल्ली में कांग्रेस की ‘वोट चोर–गद्दी छोड़ो’ रैली से गरजी हुंकार
रिपोर्ट : विजय तिवारी
नई दिल्ली।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने दिल्ली में आयोजित ‘वोट चोर–गद्दी छोड़ो’ रैली में केंद्र सरकार और भाजपा पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सुनियोजित तरीके से दबाव बनाया जा रहा है। प्रियंका ने कहा कि आज हालात ऐसे हैं, जहां न्यायपालिका पर अप्रत्यक्ष दबाव, स्वतंत्र संस्थाओं पर नियंत्रण और मीडिया के एक बड़े हिस्से का कॉरपोरेट हितों के पक्ष में खड़ा होना लोकतंत्र के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
प्रियंका गांधी ने मंच से कहा कि लोकतंत्र केवल चुनाव जीतने का नाम नहीं है, बल्कि यह निष्पक्ष चुनाव, स्वतंत्र मीडिया और मजबूत संस्थाओं से चलता है। उन्होंने दावा किया कि अगर देश में ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव कराए जाएं, तो जनता का असली मूड सामने आएगा और भाजपा की हार तय है।
“जनता के मुद्दों से ध्यान भटकाया जा रहा”
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि देश आज महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की बदहाली और युवाओं के भविष्य जैसे गंभीर सवालों से जूझ रहा है, लेकिन सरकार इन मुद्दों पर जवाब देने के बजाय ध्रुवीकरण और प्रचार की राजनीति कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि जनता की नाराजगी को दबाने के लिए डर का माहौल बनाया जा रहा है और असहमति की आवाज़ों को कुचलने की कोशिश हो रही है।
एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप
प्रियंका गांधी ने कहा कि जांच एजेंसियों का राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। विपक्षी नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और सरकार से सवाल पूछने वालों को निशाने पर लिया जा रहा है, ताकि डर के जरिए विरोध को शांत किया जा सके। उन्होंने इसे संविधान की भावना के खिलाफ बताया।
मीडिया की भूमिका पर सवाल
रैली में प्रियंका ने मीडिया की मौजूदा भूमिका पर भी तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि मीडिया का बड़ा हिस्सा जनता की आवाज़ बनने के बजाय चुनिंदा उद्योगपतियों के हितों का संरक्षण करता दिख रहा है। उनका कहना था कि जब मीडिया सत्ता से सवाल करना छोड़ देता है, तब लोकतंत्र कमजोर पड़ता है और आम लोगों की समस्याएं हाशिये पर चली जाती हैं।
दिल्ली की राजनीति और “वोट चोरी” का आरोप
दिल्ली की सियासत पर बोलते हुए प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर वोट की चोरी की जा रही है। उन्होंने कहा कि जनता को भ्रमित कर सत्ता पर काबिज रहने की कोशिश की जा रही है, लेकिन अब लोग सच समझने लगे हैं। उन्होंने दिल्ली की जनता से अपील की कि वे अपने वोट और अधिकार की ताकत को पहचानें।
कांग्रेस का आह्वान
रैली के जरिए कांग्रेस ने साफ संदेश दिया कि पार्टी संविधान, लोकतंत्र और संस्थाओं की स्वतंत्रता की लड़ाई सड़क से लेकर संसद तक लड़ेगी। प्रियंका गांधी ने कहा कि कांग्रेस किसी भी कीमत पर लोकतंत्र को कमजोर नहीं होने देगी और जनता के हक की आवाज़ बुलंद करती रहेगी।
कुल मिलाकर, दिल्ली की इस रैली में कांग्रेस ने केंद्र सरकार की नीतियों और कार्यशैली पर सीधा हमला करते हुए चुनावी पारदर्शिता, मीडिया की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक संस्थाओं की मजबूती को मुख्य मुद्दा बनाया। यह रैली आगामी सियासी संघर्ष का संकेत मानी जा रही है, जिसमें कांग्रेस जनता के मुद्दों को केंद्र में रखकर मैदान में उतरने का दावा कर रही है।




