इंडिगो उड़ान संकट—सरकार की सख़्त एंट्री, पीएम मोदी का स्पष्ट संदेश : “यात्री-हित पर कोई समझौता नहीं”

रिपोर्ट : विजय तिवारी
पिछले पाँच दिनों से देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo परिचालन संकट से गुजर रही है।नई FDTL (Flight Duty Time Limit) नीति लागू होने के बाद पायलट-रोस्टर अव्यवस्थित हो गया, जिसके परिणामस्वरूप देशभर में अभूतपूर्व उड़ान रद्दीकरण और देरी हुई। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, पुणे और कोलकाता जैसे प्रमुख हवाईअड्डों पर यात्रियों की भीड़, अफरा-तफरी और टिकट-कीमतों की उछाल ने यात्रियों को असहाय कर दिया।
यात्रियों के हाथों में टिकट था, लेकिन उड़ानें नहीं। सैकड़ों लोग रातभर एयरपोर्ट की फर्श पर बैठे रहे, कईयों का सामान अलग रह गया, और टिकट दरें चार से पांच गुना तक बढ़ गईं। देश भर से लगातार शिकायतों, वीडियो और प्रत्यक्ष बयान सामने आए — जिन्हें देखकर सरकार को तत्काल हस्तक्षेप करना पड़ा।
PMO की सीधी निगरानी — प्रधानमंत्री मोदी ने दिया स्पष्ट निर्देश
सूत्रों के मुताबिक, स्थिति बिगड़ने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एयरलाइन संकट पर विस्तृत ब्रीफिंग दी गई। PMO ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय और DGCA से कहा कि यात्रियों की सुरक्षा, अधिकार और राहत को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और परिचालन व्यवधान को तुरंत नियंत्रित किया जाए।
प्रधानमंत्री के निर्देशों का मुख्य सार
उड़ानों का संचालन यथाशीघ्र सामान्य किया जाए
यात्रियों को तत्काल राहत देना सर्वोपरि
अत्यधिक टिकट-कीमत वसूलने पर तुरंत रोक लगे
रिफंड और रि-शेड्यूलिंग की प्रक्रिया बिना देरी के पूरी हो
यात्रियों के साथ संवाद और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए
जिम्मेदारी तय हो — चूक कहाँ हुई, क्यों हुई, और आगे रोक कैसे लगे
पीएमओ ने एयरलाइन प्रबंधन सहित वरिष्ठ अधिकारियों को स्पष्ट संदेश दिया —
“हवाई यात्रा सुविधा है — जनता का भरोसा टूटने नहीं दिया जाएगा।”
उड्डयन मंत्रालय की बड़ी कार्रवाई — Fare-Cap लागू, रिफंड की समयसीमा, सख्त चेतावनी
सरकार ने यात्रियों को तात्कालिक राहत देने के लिए सबसे प्रभावशाली कदम उठाए :
किराया-सीमा (Fare Cap) लागू
सभी घरेलू रूट्स पर किराया-सीमा लागू — अब कोई भी एयरलाइन या बुकिंग पोर्टल टिकट-दर में मनमानी नहीं कर सकेगा।
मंत्रालय ने कहा :
“ज्यादा किराया वसूला — तो कार्रवाई तय।”
रिफंड और रि-शेड्यूलिंग
रद्द या विलंबित उड़ानों का रिफंड रविवार रात 8 बजे तक पूरा करना अनिवार्य
बदलती तारीख या नई बुकिंग पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं
बैगेज और राहत व्यवस्था
अलग रह गए सामान को 48 घंटे के भीतर यात्री के पते तक पहुँचाना अनिवार्य
एयरपोर्ट हेल्पडेस्क और सपोर्ट-स्टाफ बढ़ाने के निर्देश
निगरानी और कार्रवाई
यदि फेयर-कैप या रिफंड नियमों का उल्लंघन हुआ — तो DGCA सीधे दंडात्मक कार्रवाई करेगा
रीयल-टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम सक्रिय
वैकल्पिक राहत — रेलवे और अन्य एयरलाइंस आगे आईं
रेल मंत्रालय ने प्रमुख रूटों की प्रीमियम ट्रेनों में अतिरिक्त कोच जोड़े — ताकि फंसे यात्रियों को तत्काल विकल्प मिले
अन्य एयरलाइंस ने भी अतिरिक्त उड़ानों और स्लॉट-सहयोग का प्रस्ताव दिया
संकट की असली वजह
नई FDTL नीति लागू — रात की उड़ानों और विश्राम समय में बदलाव
पायलट शेड्यूलिंग की कमी और संसाधन-प्रबंधन की कमजोरी
यात्री-मांग तेजी से बढ़ने पर प्रबंधन का टूटना
भारी पैमाने पर रोस्टर असंतुलन और मानव संसाधन की कमी
IndiGo ने घोषणा की कि 10 फरवरी 2026 तक उड़ान संचालन पूर्ण रूप से सामान्य करने का लक्ष्य रखा गया है।
अगले 48–72 घंटे संकट-नियंत्रण के लिए निर्णायक होंगे
टिकट-दरें अब नीचे आने की संभावना
यात्रियों में भरोसा वापस लाने के लिए एयरलाइन को पारदर्शिता और तेज रिस्पॉन्स देना होगा
सरकार ने संकेत दिया कि यदि आवश्यक हुआ — जांच और नीति-सुधार भी लागू हो सकता है
इंडिगो संकट ने भारतीय विमानन व्यवस्था के लिए एक बड़ा सबक छोड़ा है। लेकिन इस बार सरकार का हस्तक्षेप तीव्र, सीधे और यात्री-केंद्रित रहा है।
“किसी भी स्थिति में यात्रियों को दरकिनार नहीं किया जाएगा — यह प्रधानमंत्री मोदी का स्पष्ट निर्देश है।”
यह घटना न सिर्फ संकट-प्रबंधन का उदाहरण है, बल्कि भविष्य की विमानन-नीति के लिए एक मजबूत आधार भी।




