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पुतिन के स्वागत में दिल्ली अभेद्य किला : स्नाइपर चौकसी, एंटी-ड्रोन ढाल और पाँच-स्तरीय सुरक्षा कवच के बीच बोले मोदी—“भारत-रूस दोस्ती समय की कसौटी पर खरा उतरी”

पुतिन के स्वागत में दिल्ली अभेद्य किला : स्नाइपर चौकसी, एंटी-ड्रोन ढाल और पाँच-स्तरीय सुरक्षा कवच के बीच बोले मोदी—“भारत-रूस दोस्ती समय की कसौटी पर खरा उतरी”
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रिपोर्ट : विजय तिवारी

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा ने राजधानी दिल्ली को उच्चतम स्तर की सुरक्षा तैयारी के केंद्र में बदल दिया है। ऐतिहासिक महत्व की इस यात्रा से पहले शहर को जितनी मजबूती और तकनीकी सतर्कता के साथ घेरा गया है, वह किसी सैन्य-स्तरीय सुरक्षा संरचना से कम नहीं दिखती। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से लेकर साउथ ब्लॉक और राष्ट्रपति भवन तक हर प्रमुख मार्ग और स्थान पर सुरक्षा एजेंसियों की तैनाती अभेद्य कवच के समान स्थापित की गई है।

आकाश और जमीन—दोनों दिशाओं से निगरानी को अचूक बनाने के लिए स्नाइपर टीम, कमांडो यूनिट, पैरामिलिट्री बल और QRT (क्विक रिएक्शन टीम) हर संवेदनशील स्थान पर सक्रिय हैं। इसी के साथ, हाई-डेफिनिशन CCTV नेटवर्क, ड्रोन मॉनिटरिंग, इलेक्ट्रॉनिक जैमर, फेशियल-रिकॉग्निशन सिस्टम और AI-संचालित कंट्रोल रूम के जरिए रियल-टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है। सुरक्षा एजेंसियाँ किसी भी आपात स्थिति में सेकंडों के भीतर प्रतिक्रिया देने को पूरी तरह सक्षम हैं।

पाँच-स्तरीय सुरक्षा कवच की संरचना

राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था को पाँच स्तरों में विभाजित किया गया है—

पहला स्तर : दिल्ली की सीमाओं और प्रमुख एंट्री पॉइंट्स पर कड़ी बैरिकेडिंग, पहचान सत्यापन और पुलिस की भारी तैनाती

दूसरा स्तर : पैरामिलिट्री बलों और स्पेशल कमांडो द्वारा सघन गश्त

तीसरा स्तर : ऊँची इमारतों, पुलों और रणनीतिक बिंदुओं पर स्नाइपर और SWAT टीम की निगरानी

चौथा स्तर : VIP रूट और कार्यक्रम स्थलों पर सुरक्षा एजेंसियों का नियंत्रित हाई-सिक्योरिटी ज़ोन

पाँचवाँ और सबसे महत्त्वपूर्ण स्तर : राष्ट्रपति पुतिन की मूवमेंट के चारों ओर विशेष प्रोटेक्टिव रिंग, जहाँ किसी तरह की कमी की गुंजाइश नहीं

इसके साथ ही, पुतिन के काफिले के लिए बुलेट-प्रूफ एवं विस्फोट-प्रतिरोधी आर्मर्ड वाहन तैयार किए गए हैं।

प्रगतिशील तकनीक से सुरक्षा का सुदृढ़ीकरण

हाई-रेज़ोल्यूशन CCTV और AI-आधारित फेस-ट्रैकिंग

ड्रोन-निगरानी प्रणाली और सक्रिय एंटी-ड्रोन कवच

एयर-स्पेस की वास्तविक समय में निगरानी, कई क्षेत्रों में नो-ड्रोन ज़ोन

संचार व्यवधान रोकने हेतु विशेष लाइफ-सिग्नल जैमर तकनीक

सामान्य जनता पर प्रभाव

सुरक्षा के कारण कई प्रमुख मार्गों पर ट्रैफिक डायवर्जन, सार्वजनिक स्थलों पर नियमित जांच, और दिल्ली में ड्रोन उड़ाने पर पूर्ण प्रतिबंध लागू है। शहर के भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में पुलिस गश्त बढ़ाई गई है, जिससे संपूर्ण वातावरण हाई-सिक्योरिटी ज़ोन के रूप में बदल गया है।

मोदी का संदेश — भारत-रूस संबंधों की ऊँचाई का संकेत

इस महत्वपूर्ण क्षण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुतिन के आगमन के स्वागत में ट्वीट करते हुए कहा—

“मैं दिल्ली में अपने मित्र—राष्ट्रपति पुतिन—का स्वागत करने के लिए प्रसन्न हूँ। हमारी मुलाक़ातों का बेसब्री से इंतज़ार है। भारत और रूस की दोस्ती समय की कसौटी पर खरी उतरी है और हमारे लोगों के लिए अत्यंत लाभदायक रही है।”

उनके ट्वीट के साथ साझा तस्वीरों में एयरपोर्ट पर गर्मजोशी भरा स्वागत, रेड-कार्पेट रिसेप्शन और वाहन में साथ सफर करते दोनों नेताओं के दृश्य नजर आए, जिन्होंने इस दौरे की महत्ता को और अधिक रेखांकित किया।

रणनीतिक महत्व

यह यात्रा वैश्विक तनावपूर्ण वातावरण के बीच भारत-रूस संबंधों को नई दिशा देने, रक्षा-उद्योग सहयोग, ऊर्जा सौदों, व्यापारिक विस्तार और भू-राजनीतिक संतुलन को मजबूत करने के लिहाज से ऐतिहासिक मानी जा रही है। इसी रणनीतिक संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए राजधानी को एक सैनिक किले जैसी सुरक्षा परतों से घेरा गया है।

पुतिन की उपस्थिति ने दिल्ली को कुछ दिनों के लिए विश्व-स्तरीय सुरक्षा प्रयोगशाला में बदल दिया है।

स्नाइपरों की सतर्क निगरानी, एंटी-ड्रोन कवच, डिजिटल इंटेलिजेंस सिस्टम और पाँच-स्तरीय सुरक्षा ढाल यह स्पष्ट संकेत देते हैं कि यह यात्रा केवल औपचारिक संवाद नहीं, बल्कि भारत की उभरती कूटनीतिक शक्ति और वैश्विक नेतृत्व क्षमता का प्रतीक है।

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